Kanpur News: हैलट में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को मिली नई जिंदगी, एक इंजेक्शन से बचाई आठ लोगों की जान..
कानपुर के हैलट अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को नई जिंदगी मिली है।
कानपुर के हैलट अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को नई जिंदगी मिली है। पिछले एक माह में गंभीर हालत में पहुंचे आठ मरीजों को जीवन मिला है।
कानपुर, अमृत विचार। सर्दी के मौसम में ब्रेन स्ट्रोक की समस्या बढ़ गई है। हैलट अस्पताल की इमरजेंसी में ब्रेन स्ट्रोक के औसतन रोज आठ से 10 मरीज पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि गोल्डन ऑवर में अस्पताल आने वाले मरीजों की न सिर्फ जान बचाई जा सकती है, बल्कि अपंगता जैसे खतरे पर भी काबू पाया जा सकता है।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि अस्पताल में एक ऐसा इंजेक्शन उपलब्ध है, जिससे ब्रेन स्ट्रोक के मरीज की आसानी से बचाई जा सकती है। पिछले एक माह में इस इंजेक्शन से गंभीर हालत में पहुंचे आठ मरीजों को जीवन मिला है।
हैलट अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों के लिए संजीवनी बने इंजेक्शन की कीमत करीब 23 हजार रुपये है। लेकिन अच्छी बात यह है कि इस इंजेक्शन का लाभ आयुष्मान कार्ड धारकों को भी उपलब्ध है। मेडिसिन विभाग की ओपीडी में इन दिनों हाथ-पैर में कमजोरी और सुन्नपन, बोलने-समझने में कठिनाई, चक्कर, संतुलन खोना, अचानक जमीन पर गिरना जैसी समस्या से ग्रस्त मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
ऐसे अधिकतर मरीज ब्रेन स्ट्रोक का शिकार होते हैं। इनके लिए सबसे जरूरी होता है, समय पर इलाज मिलना। अगर मरीज गोल्डन ऑवर में यानी स्ट्रोक पड़ने से चार घंटे के अंदर इलाज के लिए इमरजेंसी पहुंचते है तो उनकी जान बचाने के साथ हालत नियंत्रित की जा सकती है।
इसके लिए हैलट में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम मुस्तैद है। अस्पताल में दवाएं भी पर्याप्त मात्रा में हैं, लेकिन जो मरीज गोल्डन ऑवर के बाद पहुंचते हैं, उनकी जान बचाना या हालत पर काबू होना मुश्किल हो जाता है।
ब्रेन स्ट्रोक और हेमरेज में अंतर
सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल के प्रभारी प्रो. मनीष सिंह ने बताया कि अधिकांश लोगों को ब्रेन स्ट्रोक और ब्रेन हेमरेज में अंतर की जानकारी नहीं है। दोनों स्थितियां अलग-अलग हैं। जब दिमाग की एक नस में अचानक खून पहुंचना बंद हो जाए तो उसे ब्रेन अटैक कहते हैं। इससे ब्रेन के प्रभावित हिस्से की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं। जबकि ब्रेन हेमरेज में चेहरे, हाथ या पैर में लकवा की समस्या होने लगती है।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
- चेहरे, बाजू व टांग में अचानक कमजोरी।
- अचानक बोलने व समझने में कठिनाई।
- एक या दोनों आंखों से दिखाई न देना।
- अचानक चलने-फिरने में कठिनाई होना।
- शरीर का संतुलन बनाए रखने में कठिनाई।
- बिना किसी कारण अचानक सिर में तेज दर्द।
इनको रहता खतरा ज्यादा
- उम्रदराज व्यक्ति -ब्रेन स्ट्रोक की फैमिली हिस्ट्री – अत्यधिक धूम्रपान- दिल और शुगर के मरीज -कॉलेस्ट्राल और ब्लड प्रेशर के मरीज
