लारेंस विश्वनोई गैंग के ठिकानों पर एनआईए की छापेमारी, यूपी में फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन के गांव पहुंची टीम

Amrit Vichar Network
Published By Ravi Shankar Gupta
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अमृत विचार लखनऊ/ प्रतापगढ़: राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने लारेंस विश्ननोई गैंग के सभी सदस्यों के ठिकानों पर छापेमारी तेज कर दी है। इसी क्रम में एनआईए की टीम गुरुवार को यूपी के प्रतापगढ़ पहुंची। एनआईए की एक टीम ने यहां रानीगंज तहसील के बाबू पट्टी(महानायक अमिताभ बच्चन के पैतृक गांव) में सार्थक मिश्र की तलाश में उसके घर पर छापा मारा। सार्थक घर पर नहीं मिला, लेकिन उसके परिवार के सदस्यों से पूछताछ की गई। बताया जा रहा है कि सार्थक दिल्ली में रहता है। वहीं से इस मामले का तार जुड़ा हुआ है। इसके पहले शहर से सटे गोंडे में विकास सिंह के घर पर एनआईए की टीम ने चार महीने पहले दस्तक दी थी।

यह छापेमारी लॉरेंस बिश्नोई कनेक्शन के कारण होने की चर्चा सुनी जा रही है, कोई पुष्टि नहीं है।  पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने बताया कि एनआईए की टीम आई थी। क्यों आयी थी क्या पड़ताल की नहीं बता सकता हूँ। बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को प्रतिबंधित बब्बर खालसा इंटरनेशनल की साजिशों और गतिविधियों से संबंधित तीन मामलों में बड़े पैमाने पर बहु-राज्य कार्रवाई में आपत्तिजनक दस्तावेजों, डिजिटल उपकरणों और नकदी के साथ कई अवैध हथियार और गोला-बारूद जब्त किए। और लॉरेंस बिश्नोई अपराध सिंडिकेट, अन्य। आज सुबह शुरू हुए मेगा ऑपरेशन के तहत एनआईए की टीमों ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के साथ-साथ केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में कुल 32 स्थानों पर छापेमारी की। तलाशी में जब्ती में 2 पिस्तौल, 2 मैगजीन और गोला-बारूद के साथ-साथ 4.60 लाख रुपये की नकदी के अलावा दस्तावेज और डिजिटल उपकरण शामिल हैं।

जिन तीन मामलों में एनआईए ने आज छापेमारी की, वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बीकेआई और देश में सक्रिय आतंकवादी-गैंगस्टर नेटवर्क द्वारा की जा रही आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित हैं। ऐसी गतिविधियों में सीमा पार से हथियार और गोला-बारूद, विस्फोटक, आईईडी आदि जैसे आतंकवादी हार्डवेयर की तस्करी और शामिल करना शामिल है। आतंकी हार्डवेयर का उपयोग देश के विभिन्न हिस्सों में बम विस्फोटों, लक्षित हत्याओं, जबरन वसूली, आतंकी संगठनों को आतंकी फंडिंग आदि को अंजाम देने के लिए आतंकी संगठनों और संगठित आपराधिक सिंडिकेट के संचालकों/सदस्यों द्वारा किया जा रहा है।

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