रामनगर: वन्य जीवों से सुरक्षा की मांग को लेकर ढ़ेला चौकी में गरजे ग्रामीण
रामनगर, अमृत विचार। जंगली जानवरों व बंदरों से सुरक्षा, जंगली जानवरों के हमले में मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपए तथा घायल को 10 लाख रुपए मुआवजा आदि मांगों को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा कॉर्बेट नेशनल पार्क की ढेला रेंज चौकी में ग्रामीण गरजे साथ ही एलान किया कि आंदोलन को धार देने के लिए ग्यारह फरवरी को ग्राम कानिया में उत्तराखंड स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जायेगा।
धरना स्थल पर हुई सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में कोई दिन ऐसा नहीं है जब जंगली जानवर किसी इंसान को नहीं मार रहे हों परंतु सत्ता पर बैठी हुई मोदी और धामी की डबल इंजन की भाजपा सरकार को जनता का दुःख दिखाई नहीं दे रहा है।
समिति के संयोजक ललित उप्रेती ने संचालन करते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर जनता को डराया गया गया तथा धरने में आने से रोका गया। इसके बावजूद भी सैकड़ो की संख्या में लोगों ने धरने में पहुंचकर आंदोलन में हिस्सेदारी की है। उन्होंने कहा कि2006 व 2013 में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान जो भाजपा कार्यकर्ता आंदोलन में बढ़-चढ़कर भागीदारी करते थे।आज वह आंदोलन से गायब है और उन्होंने जनता को जंगली जानवरों से मरने के लिए छोड़ दिया है।
वक्ताओं ने कहा कि प्रशासन एवं पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग कह रहे थे कि कॉर्बेट पार्क बंद करने से क्षेत्र के व्यवसाय पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। उनकी बात को आगे रखते हुए संघर्ष समिति ने कार्बेट पार्क बंद करने की जगह धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया। इस धरना प्रदर्शन में सरकार के किसी भी सक्षम प्रतिनिधि ने आकर ग्रामीणों की समस्या को नहीं सुना और ना ही पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों ने धरने को समर्थन दिया।
वक्ताओं ने कहा कि शासन प्रशासन जनता को पुनः कॉर्बेट पार्क बंद करने के लिए मजबूर कर रहा है।महेश जोशी ने सभी उत्तराखंड के जागरूक लोगों से 11 फरवरी को ग्राम कानिया में प्रस्तावित सम्मेलन में भागीदारी करने की अपील की है। इस दौरान सूरज सिंह, कुंदन सिंह बिष्ट, मुनीष कुमार,प्रभात ध्यानी, रमेश राम, बसंत कुमार, कैलाश पांडे, जगदीश डोर्बी, सुमित, संजय मेहता, ललिता रावत, तुलसी जोशी, रोहित रहेला ने विचार रखे।
