बदायूं: वेतन काटकर स्वास्थ्य केंद्र भेजी गईं स्टाफ नर्स, रुपए नहीं होने पर गर्भवती को भर्ती करने से किया था इनकार
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बदायूं, अमृत विचार: सौ दिन चले अढ़ाई कोस, वाली कहावत जिला महिला अस्पताल की जांच पर बिल्कुल सटीक बैठती है। जांच में दोषी पाये गए चार स्टाफ नर्स को मात्र महिला अस्पताल से हटा कर स्वास्थ्य केन्द्रों पर भेजा गया है। साथ ही उनका एक एक महीने का वेतन काटा गया है। जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट के बाद प्रभारी सीएमओ ने कार्रवाही पूरी कर दी है।
ज्ञात हो जिला महिला अस्पताल में पिछले महीने 28 दिसम्बर की रात नौ बजे एक गर्भवती महिला को महिला चिकित्सक ने भर्ती करने से इन्कार कर दिया और उसे महिला अस्पताल से लौटा दिया, जिसके बाद गर्भवती महिला का अस्पताल गेंट पर ही प्रसव हो गया था। अस्पताल गेट पर प्रसव होने पर भारी हंगामा हुआ।
मामले की शिकायत पर जिलाधिकारी मनोज कुमार ने जांच करने को सिटी मजिस्ट्रेट और एडीएम वीके सिंह को जांच अधिकारी बनाया। उक्त दोनो अधिकारियों ने तीन दिन तक जिला महिला अस्पताल में पांच पांच घंटे तक बैठ कर पूछताछ की। सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। प्रसव वार्ड में वार्ड आया और स्टाफ नर्स से कई बार पूछताछ की गयी।
इतना ही नहीं पीड़ित महिला से उसके घर पर अधिकारियों ने बात की। उससे कई तरह के सवाल पूछे गए। इस जांच से लगा कि इस बार तो दोषी लोगों पर कार्यवाही होकर रहेगी। चर्चा थी कि चर्चित महिला चिकित्सक के खिलाफ कार्यवाही होगी। कार्यवाही के डर से उक्त महिला चिकित्सक घटना वाले दिन से ही गायब है। सिटी मजिस्ट्रेट ने जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी। जिलाधिकारी ने दोषी स्टाफ नर्स के खिलाफ कार्यवाही करने को प्रभारी सीएमओ को पत्र भेज दिया।
प्रभारी सीएमओ डा. अब्दुल कलाम ने सीएमएस डा. इंदु कांत वर्मा की संस्तुति पर मंगलवार को दोषी पाए गए चारो स्टाफ नर्स को महिला अस्पताल से हटा कर स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात करने के साथ ही उनका एक एक महीने का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं। आज की गयी कार्रवाही के बाद साफ कहा जा सकता है कि नौ दिन चले अढ़ाई कोस।
जिला महिला अस्पताल से हटाए गए चारो स्टाफ नर्स में उर्मिला पाली, लता चौहान, मुकेश कुमार, और जितेन्द्र कुमार हैं। इनको प्रभारी सीएमओ के आदेश पर हटाया गया है। साथ ही इन चारो का एक एक महीने का वेतन काटा गया है। आज से ही इन लोगों को स्वास्थ्य केन्द्रों पर जाने के निर्देश दिए गए हैं---डॉ. इंदुकांत वर्मा - सीएमएस।
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