पीलीभीत: बाघिन का लगातार बदल रहा मूवमेंट, रेस्क्यू में बन रहा बाधा 

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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पीलीभीत, अमृत विचार: रिहायशी इलाकों में घूम रही बाघिन के लगातार क्षेत्र बदल रही है। बाघिन की चहलकदमी से सड़िया समेत आसपास के गांवों में खासी दहशत फैली हुई है। इधर बाघिन का लगातार मूवमेंट वन अफसरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा बन रहा है। वन अफसरों का कहना है कि अधिकांश स्थानों पर बाघिन नदी-नालों के पास ही देखी जा रही है।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल में रेस्क्यू कर छोड़ी गई बाघिन वन अफसरो के लिए सिरदर्द बनी हुई। पिछले पांच दिनों से बाघिन पीलीभीत-बीसलपुर हाईवे से सटे गांवों में लगातार दस्तक दे रही है। बाघिन ने सड़िया गांव में अपना डेरा जमा रखा है।

बताते हैं कि आसपास के गांवों में घूमने के बाद बाघिन सड़िया गांव को बार-बार अपना ठिकाना बना रही है। कल बाघिन की लोकेशन जंगरौली गांव के समीप एक नाले के पास मिली थी। इसके बाद बाघिन पुन: सड़िया गांव के पास पहुंच गई। मंगलवार दोपहर बाद बाघिन रुपपुर गांव के आसपास देखी गई है।

बताते हैं कि इस दौरान बाघिन ने एक सियार का भी शिकार किया। सामाजिक वानिकी के डिप्टी रेंजर शेर सिंह के नेतृत्व में टीम लगातार बाघिन की मॉनीटरिंग कर रही है। बाघिन की लगातार चहलकदमी से सड़िया समेत आसपास गांवों के ग्रामीणों में खासी दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि बाघिन को जल्दी नहीं पकड़ा गया तो कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है।

पांच सदस्यीय टीम बनाकर सौंपी जिम्मेदारी
बाघिन को रेस्क्यू करने को लेकर पीलीभीत टाइगर रिजर्व और सामाजिक वन प्रभाग लगातार मॉनीटरिंग कर रहा है। बाघिन के प्रतिदिन के मूवमेंट की रिपोर्ट भी वन अफसरों द्वारा शासन को भेजी जा रही है। बाघिन को रेस्क्यू करने के लिए पांच सदस्यीय टीम बनाई गई है।

टीम में पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल, सामाजिक वानिकी प्रभाग के डीएफओ आरके सिंह, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी नरेश कुमार, पशु चिकित्सक डॉ. दक्ष गंगवार, डब्ल्यूटीआई की प्रांजलि भुजबल और बल्देवपुर के ग्राम प्रधान वेदप्रकाश को शामिल किया गया है। वन अफसरों के मुताबिक बाघिन के लगातार मूवमेंट के चलते बाघिन को रेस्क्यू करने में दिक्कतें आ रही हैं। उचित लोकेशन मिलते ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जाएगा।

बाघिन की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। बाघिन लगातार मूवमेंट कर रही है। निगरानी टीमों को सतर्क रहने के साथ  बाघिन की हर गतिविधि पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। उचित लोकेशन मिलते ही बाघिन को रेस्क्यू किया जाएगा--- नवीन खंडेलवाल, डिप्टी डायरेक्टर, पीटीआर।

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