Loksabha election 2024 : विपक्षी दलों के उपेक्षित नेताओं के लिए भाजपा खोल रही अपना द्वार
फर्स्ट वोटर और फ्लोटिंग वोटों को जोड़कर 2019 के नुकसान की होगी भरपाई, क्लस्टर के जरिए लोकसभा चुनाव में मिशन-80 को पूरा करने का रोडमैप तैयार
अमृत विचार, लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनाव में यूपी की 80 सीटों पर कब्जा जमाने के लिए भाजपा ने तैयारी पूरी कर ली है। मंगलवार को पार्टी की तरफ से जारी क्लस्टर के जरिए इसका रोडमैप जिम्मेदारों को सौंप दिया गया है। क्लस्टर प्रभारियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वो विपक्षी दलों के ऐसे नेताओं से संपर्क बनाए रखें जिनका अपने क्षेत्र में प्रभाव है। जरुरत पड़ने पर इन्हें पार्टी से जोड़ा जा सकता है। इनके जरिए भाजपा 2014 की अपेक्षा 2019 में हुए 9 सीटों के नुकसान की भरपाई करना चाहती है।
लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारियां तय करने के लिए जारी क्ल्स्टर से पहले दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में काफी देर तक मंथन चला। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा संगठन महामंत्री बीएल संतोष और महासचिव सुनील बंसल सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी बैठक में मौजूद थे। बैठक में पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों ने कहा कि खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे विपक्षी दलों के प्रभावशाली नेताओं को जोड़ना है। हालांकि उन्हें किसी तरह का आश्वासन न दिया जाए। समय के साथ उनका परफार्मेंस देखकर पार्टी में उनकी जगह तय की जाएगी। बैठक में यह भी तय हुआ कि गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, संगठन महामंत्री बीएल संतोष क्लस्टर के हिसाब से प्रवास शुरू करेंगे। इस दौरान वो चुनावी तैयारी की समीक्षा करने के साथ बैठकों और विकास कार्यों के शिलान्यास व उद्घाटन कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे।

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जातिगत सम्मेलनों की बजाय युवाओं और महिलाओं पर फोकस
पार्टी सूत्रों के मुताबिक वोटों का प्रतिशत बढ़ाने के लिए भाजपा ने इसबार नई रणनीति तैयार की है। इसबार जातीय सम्मेलनों से परहेज किया जा रहा है। इसकी जगह पार्टी पहली बार वोटर बन रहे युवाओं और महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा जोड़ने पर फोकस कर रही है। महिलाओं के पक्ष में संसद में पेश आरक्षण बिल, तीन तलाक, उज्जवला योजना, पीएम आवास योजना में महिलाओं के नाम रजिस्ट्री और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत लागू महिलाओं के लिए तमाम लाभकारी योजनाओं के माध्यम से मुस्लिम महिलाओं को भी जोड़ने पर बल दिया जा रहा है। मुस्लिम महिलाओं को जोड़ने के लिए शुक्रिया मोदी भाईजान कार्यक्रम की शुरूआत भी हो चुकी है। स्वयं सहायता समूहों के जरिए लाभान्वित हुई महिलाओं के जरिए पार्टी इनके बीच पकड़ मजबूत करने में जुटी है।

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10 फीसदी फ्लोटिंग वोट को महत्वपूर्ण मान रही पार्टी
भाजपा गठबंधन (एनडीए) को 2014 लोकसभा में यूपी की 80 में से 73 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इसमें 71 सीटें बीजेपी के खाते में थी और 2 सीटों पर अनुप्रिया पटेल की अपना दल पार्टी ने जीत दर्ज करवाई थी। लेकिन 2019 में सपा, बसपा और आरएलडी गठबंधन ने समीकरण बिगाड़ दिया था। इसकी वजह से 2019 में बीजेपी को 64 सीटें पाकर ही संतोष करना पड़ा था। 9 सीटों के नुक्सान की इसबार भरपाई के लिए पार्टी फ्लोटिंग वोट को महत्व दे रही है। पार्टी का मानना है कि 10 फीसदी वोट ऐसे हैं जिनका कोई निश्चित आधार नहीं है। ये वोटर मतदान से कुछ समय पहले ही तय करते हैं कि वोट कहां डालना है। इन वोटरों को जोड़कर 9 सीटों के नुकसान की भरपाई हो सकती है। इसके अलावा युवाओं को जोड़ने के लिए नवमतदाता सम्मेलनों की रुपरेखा भी तय की जा चुकी है। इसकी जिम्मेदारी युवा मोर्चा को सौंपी गई है। राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने 31 जनवरी तक सभी लोकसभा क्षेत्र चुनाव कार्यालय खोलने का भी निर्देश दे दिया है।
