शिक्षक भर्ती मामला : लोहिया संस्थान प्रशासन से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने मांगा जवाब
लखनऊ, अमृत विचार। डॉ.राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान प्रशासन पर विशेष भर्ती अभियान (बैकलॉग) में सरकार के शासनादेशों के उलंघन करने का आरोप लगा है। यह आरोप अम्बेडकर समाजोत्थान समिति की तरफ से लगाया गया है। इतना ही नहीं समिति ने इसकी शिकायत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से की है। शिकायत में यह भी मांग की गई है कि बैकलॉग के पदों में EWS को निकाल कर दोबारा से विज्ञापन निकाला जाये।
शिकायत के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने जांच शुरू कर दी है। साथ ही डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान प्रशासन को पत्र लिखकर बैकलॉग की भर्ती मामले में अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का समय दिया है। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान को 15 दिनों के भीतर अपना जवाब भेजना होगा।
दरअसल, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में 1 दिसंबर 2023 को बैकलॉग की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। जिसमें EWS यानी की आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के कुल 17 पदों को भी शामिल किया गया था। जिस पर सवाल उठ रहा है। लोहिया संस्थान प्रशासन ने यह भर्ती प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए निकाली थी।
बताया जा रहा है कि बैकलॉग की भर्ती में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को ही शामिल किया जा सकता है। ऐसा न करना सरकार के शासनादेशों का उलंघन है। अम्बेडकर समाजोत्थान समिति ने निदेशक, डॉ.राम मनोहर लोहिया संस्थान को जिम्मेदार ठहराते हुये राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को पत्र लिखकर शिकायत 24 जनवरी को किया था।
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