रामपुर: तीन साल के मासूम को कुत्तों ने नोचा, सर्जरी कर लगाने पड़े टांके
सर्जन को बुलाकर आपरेशन थिएटर में लगवाए गए टांके, जिला अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड के बेड नंबर 24 पर भर्ती मासूम
रामपुर, अमृत विचार। नगर पालिका परिषद के अधिकारियों की लापरवाही के चलते शहर में आवारा कुत्तों का खौफ बढ़ता जा रहा है। गली-मोहल्लों में घूम रहे आवारा कुत्तों को नहीं पकड़वाया जा रहा है। जिस खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में अधिकारियों का तर्क है कि कुत्तों को पकड़वाने, बधियाकरण के लिए 42 लाख रुपये का ठेका हो चुका है। लेकिन इसके बावजूद भी शहर में कुत्तों की टोलियां घूम रही हैं।

थाना गंज क्षेत्र के मोहल्ला चपटा कालोनी निवासी असरार अली का बेटा मुस्तफा (3) जोकि बुधवार की शाम छह बजे वह घर के बाहर खेल रहा था। इसी बीच खूंखार कुत्तों ने मासूम पर हमला बोल दिया। आसपास के लोगों ने कुत्तों को भगाकर मासूम को बचाया। इसकी जानकारी जब मुस्तफा के स्वजनों को मिली। तो भी वह आनन फानन में बाहर गए। जहां उन्होंने देखा कि वह खून से लतपथ था। राहगीर और स्वजन उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे और जख्मी बच्चे को भर्ती कराया।
इसरार अली ने बताया कि चपटा कॉलोनी में कुत्तों का खौफ बढ़ता जा रहा है। इनको पकड़वाने के लिए सभासद को बताया जा चुका है सभासद, नगर पालिका परिषद के अधिकारी उदासीनता बरतते नजर आ रहे हैं। इसी वजह से कुत्तों का खौफ शहरवासियों में बढ़ता जा रहा है। उधर मासूम के पिता से पालिकाध्यक्ष पति फोन पर बात कर सिर्फ आश्वासन देते रहे। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एचके मित्रा ने बताया कि मुस्तफा के बारह टांके सर्जन को बुलाकर लगवा दिए हैं।
डीजल की अधिक खपत होने पर वर्कशाप में खड़ा कैटल कैचर वाहन
शहर में आवारा कुत्तों, छुट्टा पशुओं को पकड़ने के लिए पालिका के पास कैटल कैचर वाहन है, जोकि कई दिनों से राधा रोड स्थित पालिका की वर्कशाप में खड़ा हुआ है। वाहन को चलाए जाने के लिए डीजल की अधिक खपत होती है। इसी वजह से शहर की सड़कों पर नहीं चल रहा है। दूसरी तरफ कुत्तों को पकड़वाने के लिए पालिका के अधिकारी लंबे चौड़े दावे कर रहे हैं। जो आए दिन कुत्तों के काटने केस सामने लगातार आ रहे है। सभी को देखते हुए दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं।
लाखों खर्च करने के बावजूद समस्या जस की तस
शहर में आवारा कुत्तों को पकड़वाने की जिम्मेदारी नगर पालिका परिषद की है। पिछले दिनों पालिका की ओर से बरेली की एक कंपनी को 42 लाख रुपये का ठेका हुआ है। पनवड़िया स्थित चार कमरों का अस्पताल भी बनवाया गया है। इतना सब होने के बाद भी शहर में दिनों-दिन आवारा कुत्तों का खौफ बढ़ता जा रहा हैं। जिला अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023 में 8547 लोगों को कुत्तों ने काटकर जख्मी किया है। वर्ष 2022 में 7311 यानि वर्ष 1236 अधिक लोगों के एंटी रैबीज इंजेक्शन लगे हैं। वर्ष 2021 में 7353 लोगों ने काटा है। यह सभी आकंड़े खुद बया कर रहे है शहर में किस कदर कुत्तों का आतंक हैं।
शहर के कुत्तों को बधियाकरण कराए जाने के लिए पालिका की ओर से ठेका हो गया है बरेली की टीम जगह जगह कुत्तों को पकड़कर बधियाकरण करा रही है। अगर कोई लापरवाही बरती जा रही है ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -दुर्गेश त्रिपाठी, ईओ नगर पालिका परिषद रामपुर
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