PTR: अस्तित्व में लौटे चौसिंगा हिरण, पांच साल पहले 52 से घटकर रह गए थे 10, वर्तमान में 100 से अधिक...
सुनील यादव/पीलीभीत: बाघों को लेकर चल रही उठापटक के बीच पीलीभीत टाइगर रिजर्व से एक अच्छी खबर आ रही है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व में अस्तित्व को लेकर जंग लड़ रहे चौसिंगा हिरणों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। पांच वर्ष पूर्व जिन चौसिंगा हिरणों की संख्या 52 से घटकर 10 पर पहुंच गई थी। वहीं अब वर्तमान में 100 से अधिक चौसिंगा हिरण विचरण कर रहे हैं। इतना ही नहीं हिरणों की अन्य प्रजातियों में भी खासा इजाफा हुआ है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व का वन क्षेत्र 73 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है। टाइगर रिजर्व घोषित होने के बाद बाघ समेत अन्य वन्यजीवों की संख्या में खासा इजाफा देखा जा रहा है। खास बात यह है कि उस दौरान वन्यजीवों की बढ़ती संख्या के बीच पीटीआर में पाए जाने वाले चौसिंगा हिरणों के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे थे।
टाइगर रिजर्व प्रशासन द्वारा वर्ष 2016 में कराई गई शाकाहारी वन्यजीवों की गणना के दौरान पीटीआर में 52 चौसिंगा हिरण पाए गए थे, लेकिन इसके बाद साल दर साल चौसिंगा हिरणों की आबादी कम होने लगी। वर्ष 2019 तक आते-आते यह संख्या मात्र 10 पर पहुंच गई। हिरनों में चौसिंगा हिरण की प्रजाति लुप्त होने के कगार पर पहुंच गई।
उस दौरान चौसिंगा हिरणों की घटती संख्या के पीछे ग्रास लैंडों का बदलता स्वरुप जिम्मेदार बताया गया था। इधर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बढ़ती जैव विविधता और बेहतर जलवायु के चलते लुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके चौसिंगा हिरणों की संख्या में खासी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। टाइगर रिजर्व के आंकड़ों के मुताबिक 2022 में कराई गई गणना में 110 चौसिंगा हिरण पाए गए है। वन अफसरो की मानें तो वर्तमान में इसमें और भी इजाफा हुआ है। इसके अलावा हिरण की अन्य प्रजाति बारहसिंघा, चीतल एवं सांभर की संख्या खासी बढ़ी है। बता दें कि शाकाहारी वन्यजीवों की गणना हर तीन साल में होती है।
हिरण की खूबसूरत प्रजाति है चौसिंघा
वन्यजीव विशेषज्ञों के मुताबिक चौसिंगा एकाकी प्राणी है और यदाकदा ही दो या चार के झुंड में देखा जाता है। हिरण की प्रजाति में चौसिंघा सबसे खूबसूरत प्रजाति मानी गई है। चार सींगों वाले इस हिरन की ऊंचाई करीब दो फुट होती है। मादा चौसिंघा के सींग नहीं होते हैं।
टाइगर रिजर्व में बाघ समेत अन्य वन्यजीवों की संख्या में खासी बढोत्तरी हो रही है। जैव विविधता एवं बेहतर जलवायु के चलते अन्य वन्यजीवों के साथ चौसिंगा हिरणों की संख्या में पिछले सालों के अपेक्षा बढ़ी है--- नवीन खंडेलवाल, डिप्टी डायरेक्टर, पीलीभीत टाइगर रिजर्व।
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