Exclusive News: हैदराबाद से आई टीम ने एलिवेटेड रोड की बाधाएं देखी… इतने करोड़ का बजट हुआ आवंटित

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Published By Nitesh Mishra
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हैदराबाद से आई टीम ने कानपुर में एलिवेटेड रोड की बाधाएं देखीं

कानपुर, [अभिनव मिश्र]। गोल चौराहे से रामादेवी तक 10.85 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड निर्माण के लिए बुधवार को हैदराबाद की हेक्सा कंपनी की दो सदस्यीय टीम शहर आई। टीम ने गोल चौराहे से रामादेवी तक निरीक्षण कर कार्य में आने वाली बाधाओं पर रिपोर्ट तैयार की। कसंल्टेंट टीम ने अलग-अलग स्टेज की रिपोर्ट तैयार कर मार्ग के जीपीएस कॉर्डिनेट व जियो टैगिंग लिए हैं। अगले चार-पांच दिनों में टीम दोबारा शहर आएगी।

शहर के बीच से निकल रही जीटी रोड पर अनवरगंज से मंधना तक 18 रेलवे क्रॉसिंग हैं। अनवरगंज-फर्रूखाबाद रेल रूट पर रोजाना 50 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं। जिससे बार-बार क्रॉसिंग बंद होती है और जाम लगता है। जीटी रोड पर रोजाना लाखों की संख्या में भारी व दोपहिया वाहनों का आवागमन होता है।

शहर के बीचों-बीच रेलवे क्रॉसिंगों पर लगने वाले जाम को खत्म करने के लिए गोल चौराहा से रामादेवी तक एलिवेटेड रोड बनाये जाने की योजना तैयार की गई थी। केंद्र सरकार ने केंद्रीय बजट 2022 के तहत इसके निर्माण के लिए 1000 करोड़ का बजट आवंटित किया था। सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसका शिलान्यास भी कर दिया था।

तत्कालीन जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर ने एलिवेटेड रोड के प्रस्ताव को वित्तीय वर्ष 2022-23 की कार्य योजना में शामिल करने के लिए पीडब्ल्यूडी मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा था। जिसके बाद डीपीआर तैयार करने के लिए टेंडर प्रक्रिया की शुरूआत की थी। हैदराबाद की हेक्सा कंपनी का एलिवेटेड रोड का डीपीआर तैयार करने के लिए दिल्ली मुख्यालय से चयन किया गया है। बुधवार को कंपनी की दो सदस्यीय टीम शहर आई। 

कई चौराहे संकरे पाए गए, अतिक्रमण भी 

टीम ने एलिवेटेड रोड के गुजरने वाले स्थानों का सर्वेक्षण किया। टीम ने मार्ग के ट्रैफिक लोड के साथ चौराहों का सर्वे किया। मार्ग में कई चौराहे संकरे पाए गए। इसके साथ ही निर्माण कार्य के दौरान ट्रैफिक संचालन व डायवर्जन के स्थानों का भी जायजा लिया। एलिवेटेड रोड गुजरने वाले स्थानों पर टीम को कई जगह अतिक्रमण भी मिला।

अधिकारियों ने बताया कि किन स्थानों पर पर्याप्त जगह है और कहां जगह की आवश्यकता है, इसका निर्धारण कंपनी करेगी। इसके साथ ही प्रभावित होने वाले जन सुविधाओं से जुड़े संसाधनों के स्थानांतरण के लिए शिफ्टिंग एस्टीमेट भी मांगेगी। आठ माह में कसंल्टेंट टीम डीपीआर एनएच डिवीजन को सौंपेगी।

जरीब चौकी चौराहा व रामादेवी सबसे बड़ी बाधा

निरीक्षण के दौरान टीम को सबसे बड़ी बाधा जरीब चौकी व रामादेवी चौराहे पर मिली। अधिकारियों ने बताया कि जरीब चौकी चौराहा पर हैवी ट्रैफिक लोड रहता है। निर्माण कार्य के दौरान चौराहे पर यातायात संचालन में भारी दिक्कत आएगी। इसके साथ ही रामादेवी चौराहे पर एनएच डिवीजन की सड़क 50 से 60 मीटर  पहले खत्म हो जाती है। इसके बाद की सड़क भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की है। एलिवेटेड रोड को हाईवे से जोड़ने या अन्य संभावित विकल्पों के लिए एनएचएआई से मंजूरी मांगी जाएगी।

यातायात विभाग से डायवर्जन के लिए होगी बैठक

एलिवेटेड मार्ग पर भारी यातायात दबाव की जानकारी कसंल्टेंट टीम को मिली है। निर्माण कार्य के दौरान चौराहों पर रूट डायवर्जन व यातायात बाधित ना हो इसके लिए बैठक कर विकल्प तलाशे जाएंगे।

सिंगल पिलर पर एलिवेटेड रोड की योजना

सिंगल पिलर पर एलिवेटेड रोड बनाने की योजना है। मेट्रो की तरह ही डिवाइडर के ऊपर पिलर बनाए जाएंगे। इससे यातायात कम से कम रुकेगा और जाम की समस्या भी नहीं आएगी। झकरकटी और सीओडी पुल के पहले एलिवेटेड रोड से उतरने व चढ़ने के लिए रैंप का निर्माण होगा।

फिलहाल इस मार्ग पर यात्री कार इकाई ( पीसीयू) प्रतिदिन 60 हजार आंकी गई है। एलिवेटेड रोड के बन जाने से श्रम विभाग, कोकाकोला, गुमटी, जरीब चौकी क्रॉसिंग पर जाम में वाहन नहीं फंसेंगे, क्योंकि वाहन ऊपर- ऊपर निकल जाएंगे। वैसे भी अनवरगंज से कल्याणपुर तक रेलवे ट्रैक भी एलिवेटेड होगा।

कसंल्टेंट टीम ने मार्ग का निरीक्षण किया है। अलग-अलग स्टेजों पर रिपोर्ट तैयार की गई है। कुछ दिनों में टीम के अन्य सदस्य शहर आएंगे। जिसके बाद यातायात पुलिस के साथ बैठक कर निर्माण कार्य के दौरान डायवर्जन व ट्रैफिक संचालन बाधित ना हो, इसके विकल्प तलाशे जाएंगे।- अरुण कुमार जयंत, अधिशाषी अभियंता, पीडब्ल्यूडी, एनएच डिवीजन

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