लखनऊ : कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करने पर काम शुरू, कमिश्नर ने दिए ये जरूरी निर्देश 

लखनऊ : कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करने पर काम शुरू, कमिश्नर ने दिए ये जरूरी निर्देश 

लखनऊ, अमृत विचार। गोमती की सहायक नदी कुकरैल जल्द ही अपने मूल स्वरूप में लौटेगी। साथ ही अस्ती गांव समेत आसपास के अन्य जल स़्त्रोतों को भी पुनर्जीवित किया जाएगा। लखनऊ विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष व कमिश्नर लखनऊ रोशन जैकब ने शुक्रवार को प्राधिकरण भवन स्थित अपने कार्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक करके दो महीने में पूरे प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार को कहा है।

कमिश्नर ने बैठक में कहा कि पूरे कार्य की एक डीपीआर बनायी जाएगी और सभी सम्बंधित विभागों को इसी के अनुसार अपने-अपने क्षेत्र में कार्य सुनिश्चित कराने होंगे। कुकरैल नदी व आसपास के अन्य जल स़्त्रातों को प्राकृतिक पद्धति से पुनर्जीवित किया जा सके, इसके लिए पूरा कार्य लेकमैन ऑफ इंडिया आनंद मल्लिगवाड की देखरेख में कराया जाएगा। 

जैकब ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि पूरे रूट का टोपोग्राफी व हाइड्रोलाॅजिकल सर्वे करा लिया जाए, जिससे कि कैचमेंट एरिया के साथ-साथ नदी की तलहटी में जमा सिल्ट का भी पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि नदी में पानी के ठहराव के लिए निर्धारित स्थानों पर चेक डैम बनाने होंगे, इसके लिए स्थान चिन्हित करते हुए इसे भी डीपीआर में शामिल कर लिया जाएगा। बैठक में अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि नदी में 26 नालों का लगभग 40 एमएलडी पानी आ रहा है। जिसके ट्रीटमेंट की कार्ययोजना बनाने के सम्बंध में कमिश्नक ने अधिकारियों को निर्देश दिये। 
           
कमिश्नर ने कहा कि नदी को रास्ता देने के लिए किसान पथ के नीचे से एक पैसेज बनाना होगा, साथ ही जिन जगहों पर अतिक्रमण हैं, उन्हें भी हटाना होगा। कमिश्नर ने निर्देश दिये कि इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत अस्ती गांव में झील व आसपास के अन्य छोटे तालाबों को भी पुनर्जीवित करने का कार्य किया जाना है। जिसे लेकर ग्राम्य विकास समेत अन्य सम्बंधित विभाग पहले से पूरी तैयार कर लेंगे। बैठक में एलडीए के वीसी इन्द्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अभय जैन, लेकमैन ऑफ इंडिया आनंद मल्लिगवाड़ समेत सिंचाई, ग्राम्य विकास व वन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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