पीलीभीत: सिमरनजीत का नाम देने की हुई घोषणा...कैसे होगा काम?, स्टेडियम ही नहीं बना पाए जिम्मेदार

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Published By Vikas Babu
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पीलीभीत ,अमृत विचार: खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए मझोला कस्बे में प्रस्तावित स्टेडियम को भारतीय हॉकी टीम के कप्तान सिमरनजीत सिंह के नाम से रखने की घोषणा अफसरों के द्वारा की गई। इस घोषणा के पूरे होने की बात तो छोड़िए अभी तक जिम्मेदार स्टेडियम ही तैयार नहीं करा सके हैं। तीन साल पहले प्रस्ताव की शुरुआत हुई मगर आज तक इसे पूरा नहीं किया जा सका है। इसकी नींव तक नहीं रखी जा सकी है। अफसरों का तर्क है कि फाइल खेलो इंडिया के तहत भेजी गई थी, जोकि शासन में लंबित है।

उत्तराखंड बार्डर पर स्थित कस्बा मझोला में खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के लिए खेलो इंडिया अभियान के तहत इनडोर स्पो‌र्ट्स स्टेडियम का निर्माण कराया जाना था। जिसको लेकर वर्ष 2019-20 में इसकी पहल की गई थी। उस वक्त कोई भी एस्टीमेट नहीं बनाया गया। इसके बाद  वर्ष 2020-21 में 8.92 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया। 

खेलो इंडिया खेलो योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत गिधौर में मल्टीपल खेल स्टेडियम बनाने को तीन एकड़ भूमि को चिन्हित किया गया। इसका प्रस्ताव बनाकर जिला प्रशासन को भेजा गया। इसके बाद तत्कालीन डीएम के निर्देश पर 13 फरवरी 2021 को आवंटित भूमि की नापजोख भी कराई गई थी। प्रशासन की ओर से  इस स्टेडियम में बैडमिंटन, जूडो, बालीवॉल, रेसलिंग, हैंडबाल, कबड्डी कोर्ट आदि का निर्माण कराया जा रहा था।  

लेकिन प्रस्ताव बनाने के बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। कभी कोरोना तो कभी चुनाव के चलते मामला लगातार टलता चला गया। इसके बाद मझोला कस्बे के रहने वाले हॉकी खिलाड़ी सिमरनजीत सिंह ने टोक्यों ओलपिंक में पदक जीता था। जिसके बाद परिवार ही नहीं जिलेवासियों में उत्साह का माहौल था। सिमरनजीत सिंह के जिले में आगमन पर उनके स्वागत भी हुए। 

तत्कालीन डीएम पुलकित खरे ने भी उनकी जीत का स्वागत करते हुए एक कार्यक्रम में मझोला में बन रहे मल्टी स्टेडियम को नाम सिमरनजीत सिंह से रखने की घोषणा की थी। इस पर लोगों को उम्मीद जागी थी कि अब स्टेडियम का उद्वार हो सकेगा। मगर अभी तक स्टेडियम बनना तो दूर इससे जुड़ी कार्रवाई भी फाइलों में कैद है। 

आलम यह है कि वर्ष 2020-21 में भेजे गए एस्टीमेट को शासन ने रिजेक्ट कर दिया है।उनका मानना है कि यह एस्टीमेट सही ढंग से नहीं बनाया गया है। अब  एस्टीमेंट बनाने को लेकर  दोबारा कार्रवाई शुरु की गई है। तीन सदस्यीय टीम निरीक्षण कर संशोधित एस्टीमेंट तैयार किया जाएगा। हाल में ही अभी जनप्रतिनिधियों ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से भेंट कर चर्चा भी कर चुके हैं। लेकिन परिणाम अभी भी शून्य है।  जिस वजह से मझोला कस्बे के खिलाड़ियों का उत्थान नहीं हो पा रहा है। ऐसे में वह बाहर जिलों और राज्यों में जाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं।

खेलो इंडिया योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में मझोला के गिधौर गांव में स्टेडियम बनाने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया था। जिसे रिजेक्ट कर दिया गया है। एस्टीमेट को अब पुन: संशोधित कर तीन सदस्यीय कमेटी के माध्यम से इसका प्रस्ताव बनाया जाएगा। स्टेडियम किसके नाम पर बनेगा। ऐसा फाइल में कोई जिक्र नहीं किया गया गया है--- एन के सिंह, जिला युवा कल्याण अधिकारी, खेल विभाग।

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