कासगंज हादसे में उजड़ गया पूरा परिवार, जहां कल थीं मुंडन संस्कार की खुशियां...अब मौतों के बाद घर में चीखें

कासगंज हादसे में उजड़ गया पूरा परिवार, जहां कल थीं मुंडन संस्कार की खुशियां...अब मौतों के बाद घर में चीखें

कासगंज/एटा, अमृत विचार: कासगंज हादसे में गौरव का तो पूरा परिवार ही उजड़ गया। न पत्नी की जान बची और न हीं बेटे की। जिस बेटे के मुंडन संस्कार की खुशियों से घर चहक रहा था, आज वहां मौत की चीखें थीं। इस हादसे में गौरव की मां और बुजुर्ग दादी की भी मौत हो गई। इसके अलावा दो अन्य परिवारों के 10 लोगों की जान चली गई। 

कासगंज हादसे में गौरव का पूरा परिवार ही उजड़ गया।  जिस बेटे के मुंडन संस्कार को लेकर घर में खुशियों का माहौल था। वही संस्कार इस घर के उजड़ने की वजह बन गया। शनिवार को मुंडन संस्कार के लिए जाते समय गौरव के मासूम बेटे सिद्ध सहित उसकी पत्नी, मां और दादी की जान चली गई। ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार को गौरव ने छह माह के बेटे सिद्धू के मुंडन संस्कार की बात की थी। 

इसके लिए शनिवार का दिन तय हुआ। गांव व परिवार के लोग मुंडन संस्कार और माघी पूर्णिमा पर गंगा स्नान को लेकर उत्साहित थे। शनिवार की सुबह जल्दी उठकर खाना बनाया और रख लिया। गांव से ट्रैक्टर-ट्राली में सभी लोग बैठ गए और गंगा घाट को निकल लिए। सिद्धू के पिता गौरव, मां सपना, दादी पुष्पा देवी और परदादी शकुंतला देवी ट्रैक्टर में बैठी थीं। सूचना मिली हादसा हो गया है। ऐसे में गांव के बचे लोग घटना स्थल की तरफ दौड़ पड़े। हादसे में सिद्धू सहित उसकी मां, दादी व परदादी की मौत हो गई।

तीन साल पहले हुई थी शादी, इकलौती संतान थी सिद्धू
गौरव की शादी सपना से तीन साल पहले हुई थी। दो साल से अधिक समय बाद पुत्र पैदा हुआ। दोनों की यह इकलौती संतान था। जिसके चलते वह घर में सभी का लाडला था। यही वजह थी कि उसके मुंडन संस्कार में धूमधाम भी काफी थी। लेकिन किसी को आभास नहीं था कि यह धूमधाम मातम में बदल जाएगी।

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