Pilibhit: घोटाला...एक खाते में कई कामों का भुगतान, नहीं दिखाए अभिलेख, सचिव निलंबित

Pilibhit: घोटाला...एक खाते में कई कामों का भुगतान, नहीं दिखाए अभिलेख, सचिव निलंबित

पीलीभीत, अमृत विचार। विकास कार्य के नाम पर ग्रामीण इलाकों में जिम्मेदारों के घोटाले का एक और मामला उजागर हुआ है। पूरनपुर ब्लॉक में तैनात एक ग्राम पंचायत अधिकारी ने कई कामों के भुगतान एक ही व्यक्ति के खाते में कर दिए। करीब 6.29 लाख रुपये का घोटाला कर दिया गया। 

इसकी शिकायत मिलने पर जब अधिकारियों ने जांच पड़ताल कराई तो घोटाला छिपाने के लिए सचिव ने कार्यों से जुड़े अभिलेख तक मुहैया नहीं कराए। कारण बताओ नोटिस का जवाब संतोषजनक न पाए जाने पर डीपीआरओ ने सचिव को निलंबित कर दिया है।

प्रकरण पूरनपुर ब्लॉक क्षेत्र का है। यहां पर तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी मोहम्मद रिजवान के पास खमरिया पट्टी, प्रसादपुर, रघुनाथनपुर, रंपुरा फकीरे, भवानीगंज, महदखास, चांट फिरोजपुर, मुझाखुर्द, उदयकरनपुर, लुकटिहाई, शेरपुरकलां, सबकलपुर आदि ग्राम पंचायतों का कार्यभार था। इन सभी ग्राम पंचायतों में  पांचवे और पंद्रहवें वित्त आयोग के तहत नाली खंड़ेजा निर्माण, सड़कों की मरम्मत समेत कई कार्य होना दर्शाए गए थे। जिसके लिए रेता बजरी, ईट, सैनेटरी आदि सामान खरीदा गया था।  

चार अगस्त 2023 से लेकर छह दिसंबर 2023 के बीच इन तमाम कार्यों का 560910 रुपये का भुगतान जितेंद्र कुमार पुत्र दुजाराम नाक के व्यक्ति के खाते में कर दिया गया। इसके अलावा इसी खाते में रामू पुत्र रामौतार व जीतू पुत्र रामजी नामक व्यक्ति के नाम के 68500 रुपये का भुगतान भी नियम विरुद्ध तरीके से वित्तीय अनियमित्ता करते हुए कर दिया गया। सचिव की ओर से की गई धांधली की शिकायत जिला प्रशासन तक पहुंची। जिसके बाद मामले की जांच शुरू कराई गई। 

27 जनवरी 2024 को सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया। इसका आठ फरवरी 2024 को सचिव की ओर से जवाब बनाकर भेजा गया लेकिन वह पूरी तरह से गोलमोल होने पर अफसरों को संतुष्ट नहीं कर सका। हकीकत का पता लगाने के लिए सचिव से 19 फरवरी को पत्र जारी कर 21 फरवरी तक ग्राम पंचायतों में कराए गए कार्यों से जुड़े अभिलेख तलब किए गए। 

मगर इसके बाद भी सचिव ने घोटाला छिपाने की खातिर अभिलेख अधिकारियों को मुहैया नहीं कराए। ऐसे में वित्तीय अनियमित्ता मिलने पर अफसर गंभीर हुए। सोमवार को जिला पंचायत राज अधिकारी सतीश कुमार ने सचिव को निलंबित कर दिया है। इस पूरे मामले की जांच मरौरी ब्लॉक के एडीओ पंचायत को दी गई है।

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