हल्द्वानी: अलबशर हत्याकांड : उपचार में खो गए आलाकत्ल के निशान

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Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। दंगे की रात सब्जी बेचकर घर लौट रहे अलबशर पर धारदार हथियार से हमला किया गया। उसका पेट फाड़ दिया गया और हमला इतना तेज था कि पेट की आंतें तक कट गई। उसके चार ऑपरेशन हुए, जिससे आलाकत्ल के निशान भी मिट गए। सोमवार को जब पोस्टमार्टम हुआ तो यह साफ ही नहीं हो सका कि किस हथियार से अलबशर पर हमला किया गया था। 

नई बस्ती ताज मस्जिद निवासी अलबशर (18 वर्ष) पुत्र अब्दुल माजिद सब्जी के ठेले से फेरी लगाता था। बीती 8 फरवरी को अलबशर सब्जी बेचकर घर लौट रहा था। तभी लाल मस्जिद लाइन नंबर 17 के पास उस पर हमला हुआ। घर खबर पहुंची कि अलबशर घायल पड़ा है। उसका पेट फटा हुआ और आंतें बाहर आ गई हैं।

उसे आनन-फानन में एसटीएच ले जाया गया। जहां उसके चार ऑपरेशन हुए, लेकिन जान नहीं बच सकी। 25 फरवरी को उसकी मौत हो गई। सोमवार को मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में चिकित्सकों के पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया। सूत्रों के अनुसार पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों का पैनल यह नहीं पता कर पाया कि किस ह​थियार से अलबशर के पेट में वार किया गया था। बताया जा रहा है कि अलबशर की जान बचाने के लिए किए गए चार ऑपरेशन थे। 

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