प्रमोद भगत का अगला लक्ष्य पैरालम्पिक स्वर्ण बरकरार रखना, बोले- मैं 2036 में भी खेलना चाहता हूं 

प्रमोद भगत का अगला लक्ष्य पैरालम्पिक स्वर्ण बरकरार रखना, बोले- मैं 2036 में भी खेलना चाहता हूं 

नई दिल्ली। पांच विश्व चैम्पियनशिप खिताब के लिन डैन के रिकॉर्ड की बराबरी करने वाले भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत अब पेरिस में अपना पैरालम्पिक खिताब बरकरार रखना चाहते हैं और उनका इरादा 2036 खेलों में भी भाग लेने का है। बिहार में जन्मे 35 वर्ष के भगत ने रविवार को इंग्लैंड के डेनियन बेथेल को एसएल3 वर्ग के फाइनल में हराकर चीन के लिन डैन के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। 

पांच वर्ष की उम्र में पोलियो के शिकार हुए भगत ने कहा, ओलंपिक के बाद से मेरे अभ्यास में कमी आ गई थी और उसने भी अपने खेल पर काम किया। हमने जितने फाइनल खेले हैं, उसका दबदबा रहा है लिहाजा मेरे लिये मानसिक अवरोध पैदा हो गया था । पेरिस पैरालम्पिक से पहले वह तोड़ना जरूरी था।’’ उन्होंने कहा, मैं यह गलती सुधारना चाहता था जो मैने ओपन टूर्नामेंटों में की थी । इसलिये जनवरी में मेरे जोड़ीदार सुकांत कदम और मैं पुणे में निखिल कानिटकर बैडमिंटन अकादमी गए। 

उन्होंने कहा, निखिल सर ओलंपियन हैं और उनके पास अपार अनुभव है । उन्होंने मेरी काफी मदद की। हमने स्ट्रेंथ पर और डेनियल को हराने पर फोकस किया। यह बड़ा टूर्नामेंट था जिसमें जीतने पर पैरालम्पिक में मनोवैज्ञानिक बढत मिलेगी। उन्होंने कहा, यह मेरे लिये बड़ी जीत है। इसलिए नहीं कि मैने लिन डैन के रिकॉर्ड की बराबरी की बल्कि इसलिये भी कि पैरालंपिक अगला बड़ा टूर्नामेंट है। मैं पेरिस बिना किसी मानसिक अवरोध के जाना चाहता हूं। भगत ने कहा, मैं 2036 पैरालम्पिक भी खेलना चाहता हूं जो शायद भारत में हो। उम्र महज एक आंकड़ा है और उम्मीद है कि मैं तब तक फिट रहूंगा । यह दीर्घकालिन लक्ष्य है लेकिन असंभव नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर में कहा था कि भारत 2036 ओलंपिक की मेजबानी का दावा कर सकता है ।