Kanpur: बहन की खाली गोद भरने के लिए किया था कार्तिक का अपहरण; मामला गर्माने पर बना रहे थे बच्चे को ठिकाने लगाने की योजना
वारदात में छोटी बहन को भी किया था शामिल, तीनों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
कानपुर, अमृत विचार। फीलखाना थानाक्षेत्र में फूलबाग चौराहे के पास से दो वर्षीय बच्चे कार्तिक को पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के चंगुल से एनकाउंटर में गोली मारकर सुरक्षित बचा लिया। दरअसल बहन की गोद सूनी होने की वजह से ससुराल में मिले तानों ने युवक को इतना परेशान कर दिया कि उसने दोस्त के साथ मिलकर अपहरण की योजना बनाई और पिता से रुपये का इंतजाम करने को कहा।

बहन को बच्चा बेचने के इरादे से 24 फरवरी को अपहरण किया था। शनिवार देर रात अपहरणकर्ता बच्चे को बहन के पास पहुंचाने निकले थे। इसी दौरान पुलिस को इसकी सूचना मिली पुलिस ने फीलखाना थाना क्षेत्र के भगवत दास घाट पर घेराबंदी की। रात करीब तीन बजे बाइक पर दो बदमाश आते दिखे उनके साथ बच्चा भी था। पुलिस को देखते ही उन्होंने बच्चे को छोड़ दिया और पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी मोर्चा संभाला क्रॉस फायरिंग में दोनों बदमाशों के पैर में गोली लग गई और पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया।

रविवार सुबह पुलिस कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव और एसीपी कोतवाली अर्चना सिंह ने बताया कि 24 फरवरी को फूलबाग फलमंडी से दो वर्षीय बच्चे कार्तिक का अपहरण हो गया था। मामले के खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच समेत चार टीमें गठित की गईं। करीब 600 सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तो अपहरणकर्ताओं का सुराग मिला। इसके बाद भगवतदास घाट के पास से अपहरणकर्ताओं की घेराबंदी करके गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में दोनों अपहरणकर्ताओं में से एक ने अपना नाम किदवई नगर निवासी रज्जन और दूसरे ने बाबूपुरवा निवासी पंकज गुप्ता बताया। पुलिस दोनों का आपराधिक इतिहास खंगाल रही है। डीसीपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान सामने आया कि अपहरणकर्ता रज्जन के पिता रामभजन श्रम विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। उनके दो बेटे हैं। बड़ी बेटी पूनम की शादी वर्ष 2006 में आजमगढ़ में हुई थी। शादी के बाद से अब तक पूनम के कोई संतान नहीं थी। बताया कि ससुराल के लोग उसे आए दिन मारपीट करते और ताना देते थे।
पूनम ने अपने भाई रज्जन से कहा था कि उसे कोई बच्चा गोद मिल जाए तो वह मुंह मांगा पैसा देगी। रुपयों के लालच में आकर रज्जन ने अपने दोस्त पंकज गुप्ता के साथ किसी बच्चे के अपहरण करने की योजना तैयार की। इसी योजना के तहत रज्जन और पंकज पैशन प्लस बाइक से बच्चे की तलाश कर रहे थे कि फीलखाना थाना क्षेत्र स्थित फूलबाग में उसे कार्तिक दिखाई पड़ गया। 24 फरवरी को कार्तिक का अपहरण कर लिया गया था। पुलिस के अनुसार कार्तिक ले जाने के दौरान रो रहा था लिहाजा दोनों ने ले जाकर उसे बहन नीतू उर्फ पुत्तन को दे दिया।
पुलिस ने इस अपहरण कांड में रज्जन की बहन नीतू को भी आरोपी बनाया है। अपहरण के बाद से ही नीतू के पास कार्तिक था। डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि अपहरण कांड के खुलासे में पुलिस को नौ दिन का समय लगा। खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच और डीसीपी पूर्वी दोनों की टीम से करीब 60 पुलिसकर्मी को इस जांच में लगाया गया था। पुलिस ने घटना स्थल से लेकर बच्चों को बरामदगी तक के लिए करीब 600 सीसीटीवी फुटेज को खंगाला तब जाकर जूही चौराहे पर एक सीसीटीवी फुटेज मिला। जिसमें बच्चे को ले जाते हुए देखा गया था।
उसे सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों का बाइक नंबर मिला। पुलिस ने बाइक ट्रेस की तो बाइक रामभजन की निकली। रामभजन को ट्रेस करने पर रज्जन का पता चल गया और पुलिस ने अपहरण की गुत्थी सुलझा ली। उन्होंने बताया कि पूछताछ में दोनों ने बताया कि खुद को हर तरफ से घिरता देख रज्जन और पंकज भागने की फिराक में और भगवतदास घाट की ओर जा रहे थे। इसी दौरान मुठभेड़ हो गई। डीसीपी ने बताया कि सोशल मीडिया में कार्तिक के अपहरण को लेकर मामला गर्म बना हुआ था।
जिसके बाद दोनों अपहरणकर्ता बच्चे को ठिकाने लगने की योजना बना रहे थे। लेकिन इससे पहले बच्चे को पुलिस ने दबोच लिया। पुलिस महानिदेशक ने टीम को दो लाख रुपये पुरस्कार घोषित किया है। आरोपियों के पास से दो तमंचे, तीन कारतूस, एक बाइक, पांच मोबाइल फोन, 1250 रुपये नकद बरामद हुए हैं। अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार करने वाली टीम में फीलखाना प्रभारी निरीक्षक रवीन्द्र प्रताप सिंह, सर्विलांस प्रभारी अंजनी कुमार पांडेय, स्वाट प्रभारी जनार्दन यादव शामिल रहे।
रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड में की रैकी
पूछताछ में अपहरणकर्ताओं ने बताया कि उन दोनों ने 24 फरवरी को पहले सेन्ट्रल रेलवे स्टेशन पर रैकी की लेकिन वहां कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद दोनों फूलबाग सब्जी मंडी बस स्टैण्ड के पास अपनी बाइक से एक बार रैकी करने के बाद दोबारा घूमकर देखा तो वहां कई बच्चे खेल रहे थे जिसमे एक छोटा बच्चा भी दिखा था जिसके पास कोई बड़ा व्यक्ति नही था उसको उठाकर अपनी बाइक से भाग निकले थे।
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बहन को बताया कि 4.5 लाख में खरीदा है
रज्जन ने बताया कि उसने बच्चे को ले जाकर बहन नीतू उर्फ पुत्तन को दे दिया। इसके बाद उसने बड़ी बहन पूनम जिनके पास कोई बच्चा नहीं था यह कहकर दे दिया कि उन लोगों ने बच्चे को सीमा देवी जो फतेहपुर की रहने वाली हैं उनसे 4.5 लाख रुपये में खरीदा है। बहन को विश्वास दिलाने के लिये एक फर्जी शपथ पत्र सीमा देवी के नाम का बनाकर भी दिया था तथा अपनी बडी बहन से आधा पैसा ले चुके हैं।
मां दादी को देखकर लिपट गया कार्तिक
बच्चा बरामद करने वाले पुलिस कर्मियों ने बताया कि जब उन्होंने कार्तिक को बरामद किया था। उस दौरान बच्चा बेहद गुमसुम था। कई बार बीच में रोने भी लगा लेकिन जैसे ही उसकी मां गुड्डा, दादी रानी और बड़ी बहनें वैष्णवी, पल्लवी उसके सामने आई खिलखिला कर हंसने लगा उसकी दादी और मां इतना भावुक हो गई की फफक फफक कर रोने लगी। इस दौरान परिवार और अन्य इलाके के लोगों ने पुलिस जिंदाबाद के नारे लगाकर पुलिस कर्मियों को धन्यवाद दिया। एसीपी कोतवाली ने बताया कि बच्चा जैसे ही मां की गोद में पहुंचा, खुश हो गया।
यह हुआ था मामला
उन्नाव के सफीपुर निवासी छोटू राजपूत 20 साल से फूलबाग फलमंडी के पास रहते हैं। परिवार में पत्नी गुड्डा, 12 साल की बेटी वैष्णवी, आठ साल की बेटी पल्लवी, छह साल का बेटा शिब्बू और दो साल का बेटा कार्तिक है। 24 फरवरी की शाम को कार्तिक बड़ी बहन वैष्णवी और भाई शिब्बू के साथ फुटपाथ पर खेल रहा था। शाम करीब 4:40 बजे बाइक सवार दो बदमाश आए, पीछे बैठे बदमाश ने मास्क लगा रखा था। उसने कार्तिक को दुलारकर अपने पास बुलाया। बच्चे के पास आते ही उसे उठाकर बाइक पर बैठा लिया और उल्टी दिशा में एलआईसी बिल्डिंग की ओर लेकर भाग निकले थे।
