बरेली: तिहरे हत्याकांड में छैमार गैंग के नौ हत्यारोपी दोषी करार, 7 मार्च को सजा पर सुनवाई
करीब आठ साल पहले सुरेश शर्मा नगर में आयकर निरीक्षक के घर डाली गई थी डकैती
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बरेली, अमृत विचार। सुरेश शर्मा नगर में करीब आठ साल पहले आयकर विभाग के निरीक्षक के घर में घुसकर डकैती डालने के दौरान उनकी मां, भाई और भाभी की हत्या करने के मामले में स्पेशल जज फाॅस्ट ट्रैक कोर्ट रवि कुमार दिवाकर ने छैमार हसीन गैंग के नौ आरोपियों को परीक्षण में दोष सिद्ध करार दिया है। सजा के बिंदु पर 7 मार्च को सुनवाई होगी।
सरकारी वकील दिगम्बर पटेल ने बताया कि वादी मुकदमा रविकान्त मिश्रा ने थाना बारादरी में तहरीर देकर बताया था कि वह सुरेश शर्मा नगर (25 ए पार्ट-3) के निवासी हैं। आयकर विभाग पीलीभीत में निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। 21 अप्रैल 2014 सुबह 9 बजे घर से पीलीभीत चले गये थे। 23 अप्रैल 2014 की सुबह सूचना मिली कि परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है।
पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के विरुद्ध डकैती कर हत्या करने, आपराधिक षडयंत्र की गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना की, जिसमें शेरगढ़ कुड़ला नगरिया निवासी वाजिद, बिथरी चैनपुर डेरा उमरिया निवासी हसीन, यासीन उर्फ जीशान, नाजिमा, हाशिमा, माल खरीदने वाला सर्राफ शाहजहांपुर कोतवाली मोहल्ला चैक, सदर कैंट निवासी राजू वर्मा, सम्भल निवासी समीर उर्फ साहिब उर्फ नफीस, बिथरी चैनपुर डेरा उमरिया निवासी जुल्फाम और फहीम समेत नौ आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट कोर्ट भेजी थी। पुलिस ने विवेचना में पाया था कि आरोपी पड़ोस के निर्माणाधीन मकान के जरिए रात के समय घर में प्रवेश कर सब्बल के जरिए खिड़की की ग्रिल निकालकर घर में दाखिल हुए थे और वादी की बुजुर्ग मां के उठने पर सिर पर ईंट मारकर हत्या कर दी। फिर भाई-भाभी को भी सब्बल और ईंट मारकर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था।
छैमार डेरों पर पुलिस की दबिश से हुआ था घटना का खुलासा
2 मई 2014 को मुखबिर से सूचना पर बिथरी के उमरिया गांव में नदी के किनारे स्थित डेरों पर पुलिस ने दबिश दी थी। एक व्यक्ति और दो औरतें मिलीं। तलाशी में चार चांदी के सिक्के बरामद हुए। पेंट की जेब से एक पर्स मिला। जिसमें गुप्ता पौली क्लीनिक का पर्चा मिला। जिसमें पुष्पा देवी का नाम ऊपर लिखा था। दूसरे कागज पर आयकर विभाग योगेश मिश्रा लिखा हुआ था। पकड़ी गयी महिलाओं ने अपना नाम नाजिमा उर्फ कल्लो पत्नी हसीन, दूसरी ने हाशिमा पत्नी यासीन बताया था। व्यक्ति ने अपना नाम वाजिद बताया था। पर्स को देखने पर विजय देव मिश्रा ने रोते हुए बताया कि साहब यह तो मेरे भाई योगेश का है। वाजिद से कड़ाई से पूछताछ में उसने जुर्म कबूल कर घटनाक्रम का खुलासा किया था। वाजिद ने बताया था कि सब्बल के सहारे से खिड़की की ग्रिल हटाकर घर में घुसे थे।
घटना से पहले की थी रेकी
2 जून 2014 को मोहल्ला सुरेश शर्मा नगर की रहने वाली राजकुमारी और प्रियंका ने अपने बयान में बताया था कि घटना के तीन दिन पहले गली में भीख मांगते हुए महिलाओं को देखा था। 3 मई के समाचार पत्र में जब मुल्जिमों के फोटो छपी तो महिलाओं को पहचाना। हसीन, नाजिमा, हाशिमा, यासीन हत्या से पूर्व घर के आसपास सब्जी बेचने के बहाने घूमते फिरते थे और इन लोगों ने रेकी कर घटना को अंजाम दिया। महिलाओं की गवाही दोषसिद्ध करने का महत्वपूर्ण आधार बनीं।
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