बदायूं: जीआरपी और पुलिस ने रोका भाकियू का ट्रेन रोको आंदोलन, समझाकर लौटाया वापस

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Published By Moazzam Beg
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बदायूं, अमृत विचार। विभिन्न मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन असली ने एलआइयू को रेल रोकने की पूर्व सूचना दी थी। पुलिस और जीआरपी एक्टिव हो गई।

रविवार सुबह भाकियू के पदाधिकारी रेलवे स्टेशन गेट पर एकत्र हो रहे थे। जीआरपी के अधिकारी पुलिस ने उन्हें समझाकर वापस लौटाया। भाकियू ने मालवीय अध्यापक आवास गृह पर पंचायत की। नायब तहसीलदार और प्रभारी निरीक्षक ने ज्ञापन लिया। पूरा समय पुलिस उनके साथ मौजूद रही।

पूर्व आह्वान पर पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया था। भाकियू के जिलाध्यक्ष केपीएस राठौर ने पुलिस चार बजे उनके घर पर नजरबंद कर दिया था। बाकी के पदाधिकारी संगठन की हरी टोपी पहने बिना सुबह लगभग 11 बजे रेलवे स्टेशन के गेट पर पहुंचे। जहां पहले से पीएसी, जीआरपी और कोतवाली सिविल लाइन के प्रभारी निरीक्षक गौरव विश्नोई पुलिस बल के साथ मौजूद थे। छावनी जैसा माहौल था। 

जिला सचिव सूरजपाल सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष प्रताप सिंह ने अन्य कार्यकर्ताओं के साथ रेलवे स्टेशन के भीतर जाने की कोशिश की लेकिन जीआरपी और पुलिस ने उन्हें बाहर ही रोक लिया। पुलिस ने कहा कि अगर अंदर जाने की कोशिश की तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कहा कि वह रेलवे स्टेशन के भीतर किसी भी सूरत में नहीं जा सकते। कार्यकर्ताओं ने फोटो लेना चाहिए लेकिन जीआरपी ने रोक दिया। वहां से जाने को कहा। 

पदाधिकारी और कार्यकर्ता मालवीय अध्यापक आवास गृह पहुंचे। तब पुलिसकर्मी जिलाध्यक्ष को भी वहां लेकर पहुंचे। जहां जिलाध्यक्ष केपीएस राठौर ने पंचायत को संबोधित किया। कहा कि लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। जनता अपने हक की लड़ाई शालीनतापूर्वक लड़ रही है लेकिन प्रशासन सत्ता के दबाव में उनके हकों को कुचल रहा है। किसानों को जेल भेजने की धमकी दी जा रही है। हरि सिंह पटेल, हरवंश सिंह, द्वारकी सिंह, मोहम्मद मोहन, वीरू, कुसुम लता, कमला देवी, ऊषा रानी, बॉबी, सुनीता यादव, पूनम यादव, रूपा यादव उपस्थित रहे।

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