Kanpur: शहर के औद्योगिक क्षेत्रों का हाल बदहाल; बिजली, सड़क व जलभराव बने मुसीबत, कारोबारियों ने सरकार से की ये मांग...
कानपुर, अमृत विचार। कारोबारियों की सबसे बड़ी पीड़ा यह है कि टैक्स देकर सरकार का खजाना भरने के बाद भी औद्योगिक क्षेत्रों का हाल बदहाल है। उनका कहना है कि सरकार को औद्योगिक क्षेत्रों की स्थिति बेहतर बनाने की तरफ ध्यान देना चाहिए।
उद्यमियों ने सरकार से कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए टैक्स सरलीकरण की मांग उठाते हुए कहा कि हाल ही में सरकार ने एमएसएमई के माध्यम से नया नियम थोपा है, इसे तत्काल हटाना चाहिए। इसके अलावा जीएसटी और ऑनलाइन कारोबार उद्यमियों और व्यापारियों के लिए गले का फंदा है।
कारोबारियों के मुद्दे गिनाते हुए फीटा के महासचिव उमंग अग्रवाल, अरुण तोमर, आशीष साहनी व शिवम बेरीवाली ने कहा कि सरकार ने हाल ही में एमएसएमई के तहत एक नया कानून उन लोगों पर थोपा है। 45 दिन के भुगतान न होने पर भी रकम लाभ में जोड़ने का नियम करोबारियों को परेशान करने वाला है।
इस नियम के आने के बाद कारोबारी ने एमएसएमई के तहत पंजीकृत फर्म से माल तक खरीदना बंद कर दिया है। दो कारोबारियों के लेनदेन के बीच सरकार अपना टैक्स वसूल रही है, जबकि कारोबारी परेशान घूम रहे हैं। उद्यमियों ने जीएसटी के नियमों को सरल किए जाने की भी मांग की और कहा कि जीएसटी के नियम इस तरह से हैं कि अधिकारी हावी हो जाते हैं। पेंचीदे नियम में कोराबारी यदि दो या पांच रुपये में भी फंसता है तो नोटिस आ जाती है। सरकार को इन सब परेशानियों को समझकर खत्म करना चाहिए।
एमएसएमई के लिए भी हो सेरेमनी
कारोबारियों ने एमएसएमई क्षेत्र के लिए भी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी किए जाने की मांग की है। गिरीश चंद्र गुप्ता, संदीप जाखोदिया, शरद बेरीवाल, शिशिकांत जाखोदिया ने बताया कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में सिर्फ बड़े उद्योगपतियों को ही शामिल किया जाता है। छोटे कारोबारियों के लिए सरकार की ओर से अब तक कोई पहल नहीं की गई है। इस तरह की योजनाओं में एमएसएमई सेक्टर को भी शामिल किया जाना चाहिए।
फजलगंज और पनकी में अव्यवस्था का आलम
कारोबारियों ने कहा कि शहर में सबसे अधिक टैक्स औद्योगिक इलाके ही देते हैं। इसके बावजूद फजलगंज, पनकी सहित अन्य इलाकों में अव्यवस्थाओं का आलम व्याप्त है। सड़क टूटी पड़ी है। इसके अलावा सफाई कार्य भी नहीं होता है। बीमारियों से बचने के लिए कारोबारी कई जगहों पर अपनी ओर से सफाई कराते हैं। बरसात के मौसम में जल निकासी न होने से हालात और बुरे हो जाते हैं।
बिजली दरों में मिले छूट
कारोबारियों ने सरकार से सस्ती दरों पर बिजली की मांग भी की। उनका कहना है कि जब अन्य राज्यों में बिजली की दरों को सस्ता किया जा सकता है, तो प्रदेश में क्यों नहीं। सरकार को बिजली दरों को सस्ता कर उद्योग को सहूलियत देनी चाहिए।
सब्सिडी सरल भाषा में पहुंचे
कारोबारी प्रशांत कुमार, आशीष कुमार सारी व आलोक बाजपेई ने बताया कि एमएसएमई के तहत मिलने वाली सरकारी सब्सिडी का बिचौलिए लाभ आसानी से उठा लेते हैं। कारोबारियों ने सरकार से मांग की है कि सब्सिडी की जानकारी सभी कारोबारियों को ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से सीधे मिलनी चाहिए।
