नैनीताल: हल्द्वानी में वन, राजस्व, नजूल भूमि को स्टांप पर बेचने के मामले में सरकार 9 अप्रैल तक प्रतिशपथ पत्र दाखिल करे

नैनीताल: हल्द्वानी में वन, राजस्व, नजूल भूमि को स्टांप पर बेचने के मामले में सरकार 9 अप्रैल तक प्रतिशपथ पत्र दाखिल करे

विधि संवाददाता, नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में भूमाफियाओं के रेलवे, नजूल, वन भूमि को  खुर्द-बुर्द कर स्टांप पेपर पर बेचने के मामले में दायर याचिका पर मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

इसमें राज्य सरकार ने जांच रिपोर्ट पेश कर बताया कि 8-10 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मामले में 9 अप्रैल तक प्रति शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई भी 9 अप्रैल को होगी। 
हल्द्वानी निवासी हितेश पांडे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि गफूर बस्ती में रेलवे भूमि, गौलापार गौजाजाली में वन व राजस्व भूमि को भू माफियाओं ने खुर्दबुर्द कर सौ-सौ रुपये के स्टांप पर बेच दिया है।

जिन लोगों को यह जमीनें बेची गई हैं, वे उत्तराखंड के मूल/स्थायी नागरिक नहीं है। ये लोग रोजगार के लिए यहां आए थे। कुछ समय बाद कॉमन सर्विस सेंटर इनके मतदाता पहचान पत्र बन गए। जब इसकी शिकायत प्रशासन, मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई तो भूमाफियाओं ने याचिकाकर्ता को जान माल की धमकी दी।

याचिका में ये भी कहा गया कि राज्य सरकार इन लोगों की बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल आदि बुनियादी सुविधाओं के लिए करोड़ों खर्च कर रही है। इसका भार स्थायी लोगों पर पड़ रहा है। इसकी वजह से स्थायी नागरिकों को सरकारी योजनाओं से वंचित होना पड़ रहा है। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इस मामले की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से करवाई जाए। सरकारी भूमि पर अवैध ढंग से बसे लोगों के दस्तावेजों की जांच भी की जाए।