69000 शिक्षक भर्ती: आरक्षित वर्ग के शिक्षक अभ्यर्थियों का 640 दिन से चल रहा धरना स्थगित, एक दूसरे के गले लगकर फूट-फूटकर रोए सभी, देखें मार्मिक video

Amrit Vichar Network
Published By Sachin Sharma
On

धरना स्थल पर तैनात पुलिस कर्मियों ने गले लगाकर अभ्यर्थियों को चुप कराया

लखनऊ, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र लागू आचार संहिता के अनुपालन में 69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत चयनित आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों ने अपने 640 दिन से चल रहे आंदोलन व धरना प्रदर्शन को स्थगित कर दिया है। हालांकि इस मामले की सुनवाई लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच में चल रही है। धरना स्थल इको गार्डन में अबतक हुए धरना प्रदर्शन में पूरे प्रदेश के अभ्यर्थी शामिल थे।

भविष्य की चिंता लिए अपने घर को वापस हुए अभ्यर्थी

बेनतीजा धरना स्थगित होने पर अभ्यर्थियों के आँखों में आंसू थे।  अभ्यर्थियों ने कहा ये बेबसी, ये तड़प, ये 640 दिनों का संघर्ष, टूटे सपनों की सिसकी,भविष्य की चिंता लिए अपने घरों को वापस लौटना पड़ रहा है।

ओबीसी समाज के नेताओं से जतायी नाराजगी

घर वापस जाते अभ्यर्थियों ने कहा,  अपने ही ओबीसी समाज के नेताओं की लापरवाही की वजह से आज हमें यह दिन देखना पड़ रहा हैं। हम सभी को उम्मीद थी की सरकार लोकसभा चुनाव की तिथि घोषित होने से पहले हमारे हित में कोई फैसला लेगी। लेकिन वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव से लेकर अब लोकसभा चुनाव 2024 तक आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को निराशा ही हाथ लगी।

भर्ती में अनियमितता का है आरोप

नौकरी पाने से वंचित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का आरोप है कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता बरती गई जिस कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया। 

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल और विजय यादव ने कहा की इस संबंध में कई बार आंदोलन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव के दौरान मामले का संज्ञान लिया था और विसंगति दूर करते हुए आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश अधिकारियों को दिया था। जिसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विसंगति को सुधारने के उपरांत 6800 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा करते हुए एक सूची जारी की लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिल सका। जिसे लेकर लगभग 640 दिन से आरक्षित वर्ग के यह अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे थे।

640 दिनों का अनुशासित आंदोलन

लगातार 640 दिन से चले इस आंदोलन की पूरे देश व प्रदेश में चर्चा है। जितनी चर्चा आरक्षित के अभ्यर्थियों की मांग की है उससे कहीं ज्यादा इन अभ्यर्थियों के द्वारा अनुशासन में रहकर आंदोलन करने की है। कुछ छुटपुट बातों को यदि छोड़ दिया जाए तो इतने लंबे समय तक चलने वाले इस आंदोलन पर कोई गैर कानूनी गतिविधि को अंजाम देने का कोई आरोप नहीं है। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने संयम सब्र और धैर्य का उदाहरण पेश करते हुए इस आंदोलन का संचालन किया। यही कारण हैं आचार संहिता के पालन में आंदोलन को स्थगित भी कर दिया है। 
 
धरना व आंदोलन स्थगित करने की घोषणा के दौरान अनु पटेल, विजय, वीरेन्द्र वीर , यशवंत, अवनीश भोलानाथ आंबेडकर , सनी कटियार, बृजभान, धनजय, संग्राम, अमित, कृष्ण आदि लोग इको गार्डेन में मौजूद थे।

यह भी पढे़ं: अयोध्या: आचार संहिता लागू होते ही तहसीलों में शुरू हुआ होर्डिंग्स हटाओ अभियान, सड़क पर उतरे अफसर

संबंधित समाचार