हाईप्रोफाइल सीट सुलतानपुर में मेनका या फिर कोई और ...?, भाजपा प्रत्याशी पर टिकीं सबकी निगाहें

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Published By Sachin Sharma
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गठबंधन से सपा ने भीम निषाद को बनाया है उम्मीदवार

भाजपा की जारी दो सूची में मेनका गांधी का नाम न होने से मिल रही हवा

मनोज कुमार मिश्र, सुलतानपुर, अमृत विचार। लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है। सभी राजनीतिक दलों में प्रत्याशियों के नाम पर मंथन तकरीबन अंतिम चरण में है। भाजपा की दो सूची में सांसद मेनका गांधी का नाम नहीं होने से सुलतानपुर लोकसभा सीट सर्वाधिक चर्चित सीटों में शुमार हो गई है। भाजपा के दावेदारों से लेकर अन्य दलों तक की निगाह भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के रुख पर टिकी हैं। सब पर पल-पल भारी पड़ रहा है। चर्चाओं का बाजार गर्म है।

पूर्व में अमेठी का जिला मुख्यालय होने के कारण गांधी-नेहरू फैमिली की आमद-रफ्त यहां होती रही है। संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी तक नामांकन के लिए यहां आते रहे हैं। अमेठी से बिल्कुल सटी होने के कारण इसका खास रुतबा रहा। रायबरेली, अमेठी के साथ ही इस सीट के प्रत्याशी पर भी गांधी नेहरू परिवार ही अंतिम मुहर लगाता था। वरुण गांधी और मेनका गांधी के यहां से चुनाव लड़ने के बाद सियासी लिहाज से यह सीट और अहम हो गयी।

वर्तमान में मेनका संजय गांधी यहां से सांसद हैं, लेकिन मौजूदा चुनाव में उनकी उम्मीदवारी चर्चा का विषय बनी है। नेपथ्य में इसकी वजह उनके पुत्र वरुण गांधी को माना जा रहा है। पिछले पांच सालों में उन्होंने कई बार अपनी ही सरकार के खिलाफ बोलकर पार्टी को असहज किया है।

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वरुण के रुख से भाजपा में ही मेनका गांधी के विरोधियों के साथ ही नए दावेदार भी टिकट के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हैं। यहां से भाजपा प्रत्याशी के रूप में सरोजनीनगर लखनऊ के विधायक राजेश्वर सिंह, पिछली बार गठबंधन से बसपा उम्मीदवार रहे पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू, रायबरेली के ऊंचाहार सीट से विधायक मनोज पांडेय, लंभुआ के पूर्व भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व जिले के मूल निवासी प्रेम शुक्ला, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी व पूर्व विधान परिषद सदस्य डा. वीणा पांडेय समेत कुछ अन्य नाम चर्चा में हैं।

फिलहाल भाजपा यहां से अगर फिर जीतती है तो उसकी हैट्रिक के साथ ही एक नया रिकॉर्ड भी बनेगा। ऐसे में चार सौ पार के नारे के साथ चुनाव मैदान में उतरी भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है।

सपा ने यहां लगाया दांव, बसपा कर रही इंतजार

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समाजवादी पार्टी अपने पीडीए के फार्मूले के तहत सुलतानपुर लोकसभा सीट से भीम निषाद को प्रत्याशी घोषित कर इसमें सबसे आगे चल रही है। हालांकि, भीम निषाद मूलतः अंबेडकरनगर के निवासी है। यहां के लिए उनका सियासी सफर नया है। फिर भी इंडिया गठबंधन से सपा के टिकट पर निषादों का नेता माने जाने वाले भीम निषाद यहां कितना असर डाल पाएंगे, यह वक्त ही बताएगा। वहीं, बहुजन समाजवादी पार्टी की निगाह भी भाजपा के प्रत्याशी पर लगी है। माना जा रहा है कि भाजपा प्रत्याशी की घोषणा के बाद ही बसपा अपने पत्ते खोलेगी।

बीते दो चुनावों में भाजपा ने दर्ज की है जीत

2014
वरुण फिरोज गांधी भाजपा 4,10,348
पवन पांडेय बसपा        2,31446
शकील अहमद सपा           2,28144
अमिता सिंह कांग्रेस               41,983

2019
मेनका संजय गांधी भाजपा 4,58,196
चंद्रभद्र सिंह सोनू बसपा    4,44,670
डॉक्टर संजय सिंह कांग्रेस     41,681

कब कौन बना सांसद

सन   विजयी            प्रत्याशी पार्टी
1952 काजिम अली     कांग्रेस
1957 गोविंद मालवीय   कांग्रेस
1961 गनपत सहाय (उप चुनाव) निर्दलीय
1962 कुंवर कृष्ण वर्मा    कांग्रेस
1967 गनपत सहाय निर्दलीय
1969 श्रीपति मिश्र (उप चुनाव) बीकेडी
1971 केदारनाथ सिंह कांग्रेस
1977 जुल्फिकार उल्ला जनता पार्टी
1980 गिरिराज सिंह कांग्रेस
1984 राज करन सिंह कांग्रेस
1989 रामसिंह जनता दल
1991 विश्वनाथ दास शास्त्री भाजपा
1996 देवेंद्र बहादुर राय भाजपा
1998 देवेन्द्र बहादुर राय भाजपा
1999 जयभद्र सिंह बसपा
2004 मो. ताहिर खान बसपा
2009 संजय सिंह कांग्रेस
2014 वरुण गांधी भाजपा
2019 मेनका संजय गांधी भाजपा

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