बदायूं: सामूहिक दुष्कर्म के बाद शोर मचाने पर किशोरी की तेल छिड़ककर हत्या, कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

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Published By Vishal Singh
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एक दोषी पर एक लाख, दूसरे पर 59 हजार लगाया गया जुर्माना, मुकदमा के दौरान तीसरे आरोपी की हो चुकी है मौत

बदायूं, अमृत विचार। दलित नाबालिग लड़की का अपहरण करके अलग-अलग जगह ले‌ जाकर सामूहिक दुष्कर्म के दो आरोपियों को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट के न्यायाधीश दीपक यादव ने दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एक पर एक लाख रुपये और दूसरे पर 59 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। मामले में तीसरे आरोपी की मुकदमा के दौरान मौत हो गई थी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा ने टाइप की हुई शिकायत जिला संभल के पुलिस अधीक्षक को दी थी। जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी 16 साल की बेटी का 4 जुलाई 2014 रात लगभग एक बजे दो लोग बहला-फुसलाकर अपहरण करके ले गए थे। उनकी बेटी 50 हजार रुपये के जेवर पहनी थी। किशोरी के पिता ने आरोपियों के परिजनों से जानकारी की तो वह झगड़ा करने पर आमादा हो गए थे। बेटी के बारे में पूछने पर जान से मारने की धमकी दी। 

आरोप लगाया कि उन दोनों अपने एक और साथी विजय के साथ मिलकर उनकी बेटी को कई जगह ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया। उसे बेचने के लिए ले जा रहे थे। बेटी ने शोर मचाया तो आरोपियों ने तेल छिड़ककर आग लगाकर उसकी हत्या कर दी थी। तहरीर देने के बाद भी संभल की थाना गुन्नौर पुलिस आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही है। संभल के पुलिस अधीक्षक के आदेश पर 9 जुलाई 2014 को आरोपी संभल के थाना जुनावई क्षेत्र के गांव अहरौला नवाजी निवासी रामबाबू पुत्र ओमप्रकाश और इसी गांव के मुकेश पुत्र राजेंद्र और उनके साथी विजय के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। 

उनपर हत्या, पॉक्सो एक्ट, एससीएसटी, सामूहिक दुष्कर्म आदि का मुकदमा चलाया गया। न्यायाधीश के पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। अभियोजन पक्ष के विशेष लोक अभियोजक अमोल जौहरी और बचाव पक्ष की अधिवक्ता की दलीलों को सुनने के बाद दो आरोपियों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई है।

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