बदायूं: कोर्ट में पेश किया हत्यारोपी, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
बदायूं,अमृत विचार। दो सगे भाइयों के हत्याकांड में शामिल दूसरे आरोपी जावेद का पुलिस ने शुक्रवार को मेडिकल परीक्षण कराकर कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। जल्द ही पुलिस उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। हत्याकांड पर बारीकि से जांच की जाएगी। हत्यारोपी जावेद पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था।
क्षेत्र की बाबा कॉलोनी नई बस्ती निवासी ठेकेदार विनोद कुमार के बेटे आयुष और आहान उर्फ हन्नू की 19 मार्च को उनके घर में गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। उनके घर के पास ही हेयर कटिंग की दुकान चलाने वाले थाना अलापुर क्षेत्र के कस्बा सखानू निवासी साजिद और जावेद ने घटना को अंजाम दिया था।
जिसके बाद दोनों हत्यारोपी बाइक से भाग गए थे। पुलिस ने शेखूपुर क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान साजिद को मार गिराया था जबकि जावेद फरार हो गया था। वह पहले अपनी ससुराल सहसवान, दिल्ली फिर गुरुवार तड़के लखीमपुर जाने के लिए बरेली पहुंचा था। पुलिस ने उसे बरेली के थाना बारादरी क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया।
कोतवाली उझानी ले जाकर तकरीबन चार घंटे पूछताछ की। जावेद ने साजिद को मानसिक बीमार बताया था लेकिन अभी पुलिस हत्या का कारण स्पष्ट नहीं कर सकी है। अभी तक की जांच में पुलिस साजिद के मानसिक बीमार और बच्चों से नफरत की वजह से हत्या की बात कह रही है।
शुक्रवार सुबह पुलिस ने आरोपी जावेद का जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया। फिर कोर्ट में पेश किया। जहां से जावेद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इस बीच पुलिस जांच करके साक्ष्य जुटाएगी। इसके अलावा जल्द ही उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ होगी और उसके बयानों की भी जांच कराई जाएगी। कोर्ट ने अगली 4 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की है।
आरोपी का साथ देना और साक्ष्य मिटाना भी है जुर्म
मृतक मासूमों के परिजनों ने बताया है कि साजिद ने छत पर जाकर बच्चों की हत्या की थी जबकि जावेद ने उसका साथ दिया था। तो कभी कहा जा रहा है जावेद गेट के भीतर खड़ा था। साजिद के नीचे आने पर उसके कपड़े खून से सने थे। खून लगा चाकू था। जिसके बाद जावेद उसे साथ में लेकर भाग गया था। अगर मान लिया जाए कि जावेद ने हत्या नहीं की तो नियम के अनुसार आरोपी का साथ देना और साक्ष्य मिटाना भी जुर्म है।
परिवार को चाहिए इंसाफ, जुड़नी चाहिए हत्या की हर एक कड़ी
हत्या के चार दिन के बाद भी परिवार पूरी तरह से टूटा है। किसी से भी सही से बात नहीं कर पा रहा। गुरुवार को पुलिस की सख्त कार्रवाई न होने पर आत्महत्या करने की बात कहने वाले मासूमों के पिता विनोद कुमार ने कहा कि उनके परिवार को इंसाफ चाहिए। पुलिस सही प्रकार से जांच करे। जो भी घटनाक्रम या हत्या की जो भी वजह बताए उसकी हर कड़ी एक दूसरे से मिलनी चाहिए। हत्यारोपी को मानसिक बीमार बताकर पल्ला नहीं झाड़ना चाहिए।
हत्या के दिन एक दुकान पर जाकर रोया था साजिद
हत्या के दिन 19 मार्च की दोपहर मुठभेड़ में मारा गया हत्यारोपी साजिद दोपहर में मोहल्ले की एक दुकान पर जाकर बैठा था। दुकानदार के अनुसार वह परेशान जैसा लगता था। बोल रहा था कि अजीब सा मन हो रहा है। किसी काम में मन नहीं लग रहा है। ऐसा लग रहा है कि कुछ कर लूं। दुकानदार ने उसे समझाया था कि कोई बात नहीं डॉक्टर से दवा ले लो सही हो जाएगा लेकिन किसी को क्या पता था कि अपना कुछ करने की बात करने वाला साजिद किसी का घर उजाड़ देगा। दो मासूमों की बुरी तरह हत्या कर देगा।
बच्चों से इतनी क्या नफरत कि घर जाकर मारा
साजिद और जावेद कई सालों से हेयर कटिंग की दुकान चलाते थे। उस मोहल्ले के अलावा आसपास के मोहल्ले के लोग और बच्चे भी बाल कटवाने या शेविंग कराने के लिए आते थे। वह साजिद और जावेद से भैया कहकर प्यार से बोलते थे। जावेद के बयान के अनुसार साजिद को बचपन से मानसिक बीमारी थी।
तो उसने आज तक दुकान पर किसी घटना को अंजाम क्यों नहीं दिया। पीड़ित परिवार को सांत्वना देने पहुंच रहे लोगों में कई तरह की बाते होती रही। उसके बच्चे न होने की वजह से नफरत थी तो दो मासूमों को घर पर जाकर ही क्यों मारा। इस सवाल से पर्दा उठना बाकी है। पुलिस की जांच में यह जल्द ही सामने आएगा।