गोंडा: दो सौ रुपये लेकर दिया टूटा स्ट्रेचर, 300 लेने के बाद शुरू किया इलाज!, बूढ़ी बीमार मां के लिए गिड़गिड़ाता रहा बेटा, videos

Amrit Vichar Network
Published By Sachin Sharma
On

गोंडा, अमृत विचार। सरकारी अस्पताल में बीमार मां का इलाज करने गए बेटे को स्ट्रेचर तक नहीं मिल सका। बेटे ने बूढी मां के लिए स्ट्रेचर मांगा तो उससे 200 रुपये मांग की गयी। रुपये देने के बाद उसे टूटा स्ट्रेचर दे दिया। जब उसने कर्मचारियों से स्ट्रेचर पकड़ने में मदद मांगी तो वह कन्नी काट गए‌। बेटे की लाचारी देख अस्पताल में मौजूद दो शख्स उसकी मदद के लिए आगे आए और स्ट्रेचर पकड़कर मरीज को अस्पताल के भीतर पहुंचाया। 

डाक्टर के पास पहुंचकर भी बेटे की मुश्किलें कम नहीं हुई। यहां भी इलाज के नाम पर उससे तीन सौ रुपये मांगे गए‌। रुपये देने के बाद ही बुजुर्ग महिला का इलाज शुरू हो सका। यह शर्मनाक तस्वीर जिले के महाराजा देवी बक्श सिंह स्वशाषी मेडिकल कालेज की है जहां एक बेटे को अपनी बीमार मां की दवा के लिये न सिर्फ रिश्वत गिनी पड़ी बल्कि उसे हाथ जोड़कर स्वास्थ्य कर्मियों के सामने गिड़गिड़ाना भी पड़ा। 

पीडित ने महकमे के सीएमएस को शिकायती पत्र देकर लापरवाह और रिश्वतखोर स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। 

दरअसल नगर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत मोहल्ला नवीगंज के रहने वाले ध्रुव कुमार गुप्ता अपने 67 वर्षीय मां शिवपता को गंभीर हालत में इलाज कराने के लिए गोंडा मेडिकल कॉलेज लेकर गए थे। इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों ने शिवपता की जांच की तो उनका बीपी डाउन था और शुगर लेवल बढ़ा हुआ था। डॉक्टर ने बाहर ले जाकर दवा कराने की सलाह दी तो पीड़ित ने बाहर ले जाकर दावा करने में असमर्थता जताई। 

इसके बाद इमरजेंसी में तैनात कर्मचारियों ने पीड़ित बेटे से 300 सौ रूपये रिश्वत की मांग की। रिश्वत न देने पर इलाज नहीं शुरू किया गया। जब ध्रुव कुमार गुप्ता ने कर्मचारियों को 300 रुपए दे दिए तब जाकर उसकी मां का इलाज शुरू हुआ। डॉक्टर ने जांच कराने के लिए कहा तो मरीज ले जाने के लिए उसे स्ट्रेचर नहीं मिला। 

ध्रुव गुप्ता का कहना है कि जब उन्होने कर्मियों से स्ट्रेचर मांगा तो फिर से 200 रुपये की मांग की गयी। उसने दो सौ रुपये दे दिए तो उसे टूटा हुआ स्ट्रेचर दे दिया गया। ध्रुव ने कर्मचारियों से स्ट्रेचर पकड़ने के लिए कहा तो उसे जवाब मिला कि यहां तुम्हारा नौकर नहीं है। कोई जांच कराने तुम्हारे साथ नहीं जाएगा। इसके बाद पीड़ित बेटे ने अस्पताल में मौजूद लोगों से मदद की गुहार लगाई तो अस्पताल में मौजूद दो लोगों ने पीड़ित की मदद की तब जाकर की पीड़ित बेटा टूटा हुए स्ट्रेचर पर अपनी बीमार मां को ले जाकर उनकी जांच करायी। 

टूटे हुए स्ट्रेचर पर मरीज को ले जाने का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है‌।‌ पीड़ित ध्रुव कुमार गुप्ता ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। 

ध्रुव कुमार गुप्ता ने शिकायती पत्र देकर रिश्वत लिए जाने और टूटा हुआ स्ट्रेचर देने का आरोप लगाया है। साथ ही अस्पताल में तैनात कर्मचारियों द्वारा बदतमीजी किए जाने का भी आरोप लगाया है। 

फिलहाल पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। जांच में जो भी निकाल कर आएगा, कार्रवाई की जाएगी। मेडिकल कॉलेज में सारी सुविधा निशुल्क है। किसी को कोई शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है।

                                                                                            डॉ. अनिल तिवारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक

संबंधित समाचार