Mukhtar Ansari: आ गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट: हार्ट अटैक से हुई थी मुख्तार की मौत, गाजीपुर में किया गया सुपुर्दे खाक
बांदा, अमृत विचार। करीब तीन साल से मंडल कारागार में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उठे सवालों के जवाब में उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया है। पांच डॉक्टरों के पैनल से कराए गए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में माफिया की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई बताई गई है। रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज के पोस्टमार्टम हाउस में कराए गए माफिया डॉन के पोस्टमार्टम पर उसके पुत्र ने सवाल उठाए थे और पिता के शव का पोस्टमार्टम नई दिल्ली के एम्स में कराए जाने की मांग उठाई थी।
माफिया डॉन से राजनेता बनकर पूर्वांचल में अपनी हुकूमत का सिक्का जमाने वाले मुख्तार अंसारी की कहानी का आखिरकार पटाक्षेप हो गया। मंडल कारागार में बंद माफिया की अचानक गुरुवार की देर शाम हालत बिगड़ी और उसे प्राथमिक उपचार के बाद तत्काल शहर के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुए उपचार के दौरान ही माफिया ने दम तोड़ दिया।
माफिया की मौत के बाद जहां शासन-प्रशासन सकते में आ गया, वहीं विपक्षी दलों के नेताओं ने एक स्वर से मौत पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। सभी दलों के नेताओं ने मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की। जिस पर प्रशासन की ओर से एहतियात बरतते हुए माफिया के शव का पोस्टमार्टम पांच डाक्टरों के पैनल से कराया गया और पोस्टमार्टम के बाद शव को कड़ी सुरक्षा के बीच पैतृक गांव गाजीपुर जिले के युसुफपुर भेज दिया गया।
माफिया के बेटे उमर अंसारी ने भी मौत पर सवाल उठाते हुए एम्स में पोस्टमार्टम कराने का मुद्दा उठाया था। माफिया के बेटे समेत विपक्षी दलों के सवालों के जवाब में जहां मौत के मामले की न्यायिक और मजिस्ट्रेटीयल जांच के आदेश जारी कर दिए गए थे, वहीं शनिवार को सोशल मीडिया पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सार्वजनिक हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सकों ने माफिया मुख्तार की मौत का कारण हार्ट अटैक को बताया है।
डीएम, एसपी और एडीजे की निगरानी में शुरू हुई जांच
माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत के मामले को लेकर अलग-अलग न्यायिक और मजिस्ट्रेटीरियल जांच शुरू कर दी गई है। शनिवार को जिला जज डा.बब्बू सारंग, डीएम दुर्गाशक्ति नागपाल, एसपी अंकुर अग्रवाल और एडीजे की निगरानी में जांच टीम मंडल कारागार में पहुंची। बता दें कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भगवानदास गुप्ता ने न्यायिक जांच के आदेश जारी करते हुए एसीजेएम (एमपीएमलए) गरिमा सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया था।
जांच टीम ने सबसे पहले बैरक नंबर 16 की गहनता से जांच की, जिसमें माफिया मुख्तार रहता था। बैरक में रखी एक-एक चीज की बारीकी से पड़ताल की गई। मुख्तार के बर्तनों की जांच के साथ जेल कर्मियों से भी बातचीत की। जांच टीम ने करीब 45 मिनट तक प्रत्येक पहलू की बारीकी से पड़ताल की और सीसीटीवी कैमरों को परखा।
