Kanpur: कांग्रेस में ‘बगावत’ की चिंगारी को मिली हवा; चुनाव से ठीक पहले दक्षिण क्षेत्र के जिलाध्यक्ष को लेकर रार हुई तेज

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। कांग्रेस में चुनाव से पहले दक्षिण क्षेत्र के अध्यक्ष पद को लेकर रार तेज हो गई है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष नौशाद आलम मंसूरी को दक्षिण का प्रभार दिए जाने पर अब वार्ड 16 की पार्षद शालू कनौजिया ने विरोध जताया है। 

कांग्रेस के धाकड़ नेता अजय कपूर के भाजपा में शामिल होने के बाद हुए स्वागत समारोह में उनके करीबी कांग्रेस पार्षद व पूर्व पार्षद भी पहुंचे थे। महानगर कांग्रेस कमेटी ने इसका संज्ञान लेते हुए पिछले दिनों अजय कपूर के साथ दिखने वाले छह पार्षदों से जवाब तलब किया था। इनमें पार्षद शालू कनौजिया भी थीं। 

शालू ने अब महानगर कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि अजय कपूर से उनकी व  पति की मुलाकात गैर राजनीतिक व पारिवारिक थी। शालू ने पत्र में कहा है कि जब उन्हें सदन में जनता की आवाज बुलंद करने पर छह माह के लिए निष्कासित किया गया तो पार्टी पार्षद व कांग्रेस नेता सदन मूकदर्शक बने रहे। 

किसी ने साथ नहीं दिया। इस मुद्दे पर अध्यक्ष ने भी महापौर से मिलकर विरोध दर्ज नहीं कराया। पार्षद ने बिना नाम लिए कहा है कि जो लोग कांग्रेस में दक्षिण क्षेत्र का अध्यक्ष पद मांग रहे हैं वह पिछले दो विधानसभा चुनाव से भाजपा को लड़ा रहे थे। उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

दलित समाज का होना चाहिए अध्यक्ष

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर शालू कनौजिया ने दक्षिण में किसी दलित को अध्यक्ष बनाने की मांग की है। पार्षद ने कहा है कि पूर्व में दक्षिण में अध्यक्ष हरीकिशन भारतीय दलित समाज से थे। उनकी मृत्यु के बाद दलित अध्यक्ष बनना चाहिए। उन्होंने इसके लिए 2012 से पार्षद रहे अपने पति सुनील कनौजिया को सही दावेदार बताया है। 

उधर, कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार पार्टी पूरे जिले में एक जिलाध्यक्ष रखना चाहती है। इसीलिए दक्षिण क्षेत्र के अध्यक्ष हरीकिशन के देहांत के बाद नौशाद आलम को कार्यवाहक जिलाध्यक्ष बनाया गया है। दक्षिण क्षेत्र के जिलाध्यक्ष की मांग ही गलत है।

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