शाहजहांपुर: अभियानों के बाद भी नहीं लग पा रहा पॉलिथीन पर विराम, प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से हो रहा इस्तेमाल

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Published By Vishal Singh
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कागजों में बंद होने के बाद भी हो रहा पॉलीथिन का प्रयोग

शाहजहांपुर, अमृत विचार। सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने को लेकर तमाम अभियान चलाए जाने के बाद भी पॉलिथीन पर प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है। नगर की सड़कों पर पॉलीथिन का प्रयोग खूब हो रहा है। लोग घर से थैला लेकर बाजार नहीं आ रहे हैं और दुकानदार भी उन्हें पॉलिथीन में सामान देने से मना नहीं कर रहे हैं। प्रतिबंध का कोई खास असर नजर नहीं आ रहा। अब नगर निगम जल्द जुर्माने की कार्रवाई अमल में लाएगा।

सरकार ने दो अक्तूबर 2019 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद एक जुलाई 2022 को सिंगल यूज प्लास्टिक व पॉलिथीन पर नगर में पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया। लेकिन नगर में पूरी तरह से प्रतिबंध अभी भी कागजों में लगा है। हकीकत में नहीं बदल पा रहा है।

नगर निगम की ओर से पॉलिथीन और सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित करने के लिए को ठोस कदम कई बार उठाए गए हैं। इसके बाद भी नगर में पॉलिथीन और सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। प्रशासन की उदासीनता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि फड़ों से लेकर फुटकर और थोक विक्रेताओं की दुकानों में इसका प्रयोग खूब हो रहा है। दुकानदारों का कहना है कि जब तक पॉलीथिन बनती रहेगी, तब तक बिकती रहेगी।

नगर के दुकानदार बताते हैं कि लोग घर से थैला लेकर ही नहीं आते, इसलिए मजबूरी में सब्जी पॉलिथीन में देनी पड़ती है। हालांकि लोगों से अपील करते हैं कि आगे से थैला लेकर आएं। जिस दिन प्लास्टिक के डिस्पोजल ग्लास मिलने बंद हो जाएंगे, उस दिन से यह भी नहीं रखेंगे। लेकिन जब तक यह बनती रहेगी उपयोग होता रहेगा। फल विक्रेताओं ने बताया कि जूट का थैला अधिक मजबूत नहीं है और महंगा भी है। इसमें एक या दो किलो फल रखने के बाद यह नीचे से फट रहा है, लेकिन उन्होंने अपनी दुकान पर इसे रखना शुरू कर दिया।

किसी भी तरह नष्ट नहीं होती है प्लास्टिक
तकनीकी रूप से 40 माइक्रोमीटर या उससे कम स्तर के प्लास्टिक को सिंगल यूज प्लास्टिक कहा जाता है। इसमें कप, कैरी बैग, पानी या कोल्ड ड्रिंक की बोतलें, स्ट्रॉ, फूड पैकेजिंग आदि होते हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक करीब 7 से 5 प्रतिशत ही रिसाइकल हो पाता है। इसके अलावा प्लास्टिक किसी भी तरह से नष्ट नहीं होती है। नतीजतन गलियों, सड़कों और नालियों में पॉलिथीन देखी जाती है। इसे खाने से पशुओं को भारी नुकसान होता है। अटकने से नालियां चोक हो जाती हैं।

सिंगल यूज प्लास्टिक व पॉलीथिन का उपयोग न करने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। सभी से अपील है कि बजार जाते समय घर से कपड़े का थैला लेकर जाएं। दुकानदार भी पॉलिथीन में सामान देने से बचें। नगर निगम की ओर से पॉलिथीन के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। पॉलिथीन जब्त करने के साथ ही जुर्माना भी लगाया जा रहा है- संगीता कुमारी, उपनगर आयुक्त। 

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