लखनऊ: सस्ते किराये के लालच में अवैध बसों में सफर को मजबूर यात्री

लखनऊ: सस्ते किराये के लालच में अवैध बसों में सफर को मजबूर यात्री

लखनऊ, अमृत विचार। सस्ते किराये के लालच में यात्री अवैध बसों में सफर को मजबूर हैं। रोडवेज की तुलना में बेहतर सफर की सुविधा का दावा करने वाले अवैध बस संचालक बसों में ठूंस-ठूंस कर यात्रियों को बिठाते हैं। इन अवैध वाहनों के खिलाफ शनिवार को चारबाग में अभियान चलाया गया। इस दौरान 225 यात्रियों को ऐसे अवैध बसों से उतार कर रोडवेज बसों से रवाना किया गया। पांच बसों को पकड़ कर चालान किया गया और उन्हें थाने में बंद किया गया।

चारबाग डिपो के एआरएम प्रशांत दीक्षित ने बताया कि परिवहन निगम के अधिकारियों के साथ आरटीओ के प्रवर्तन दस्ते के साथ आज अभियान चलाया गया। चारबाग बस अड्डे के सामने अनाधिकृत रूप से खड़ी बसों को पकड़े जाने को कार्रवाई की गई। 

इस जगह से यात्रियों को मिनी बस, मारुति वैन, प्राइवेट टैक्सियों से यात्रियों को सुलतानपुर, कानपुर और दिल्ली तक पहुंचाने के लिए आवाज दी जा रही थी। अभियान के दौरान आज यहां से यूपी 31 एसएन 8896, यूपी 41 एटी 8384, यूपी 32 केएन 0522, यूपी 41 एटी 2046 और यूपी 78 बीवाई 6023 वाहनों को सीज करने की कार्रवाई की गई।

रोडवेज के अधिकारियों के अनुसार डग्गामार वाहन सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बस सेवा का प्रचार करते हैं। परिवहन विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी भी है, लेकिन वे अंजान बने रहते हैं। विभागीय अधिकारी ने बताया कि बीते गुरुवार को फेसबुक पेज पर एक डग्गामार वाहन संचालक का प्रचार वायरल हुआ। यह वाहन प्रतिदिन बलिया से लखनऊ वाया पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे प्राइवेट टैक्सी से सवारियों को ढो रहा है। 

इसमें समय के साथ किराया भी बताया गया है। फिर भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। चारबाग डिपो के एआरएम प्रशांत दीक्षित के अनुसार आज पांच वाहनों को पकड़ा गया है। मेट्रो स्टेशन के नीचे से ये बसें डग्गामारी में जुटी थी। यह क्षेत्र नाका थाना के अंतर्गत आता है लेकिन स्थानीय पुलिस इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है। जहां से डग्गामारी की जा रही है वहां से थानां चंद कदमों की दूरी पर ही है।

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