Kanpur: 101 साल पुराने जैन मंदिर में आज से महोत्सव की धूम; लगेगी भक्तों की भीड़, इतने दिन तक होगा समारोह

1921 में मंदिर की रखी गई थी नींव, कारोबारी ने दान दी थी अपने घर की जमीन

Kanpur: 101 साल पुराने जैन मंदिर में आज से महोत्सव की धूम; लगेगी भक्तों की भीड़, इतने दिन तक होगा समारोह

कानपुर, अमृत विचार। कराचीखाना स्थित जैन मंदिर में मंगलवार से शताब्दी वर्ष स्थापना महोत्सव की धूम होगी। श्री 1008 भगवान पार्श्वनाथ चैत्यालय के 101 वर्ष पर होने वाले तीन दिवसीय समारोह में भक्तों का उत्साह देखते ही बनेगा। महोत्सव के दौरान धार्मिक आयोजनों के बीच प्रभु का गुणगान किया जाएगा। 

मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने बताया कि 101 वर्ष पुराने इस मंदिर में भक्तों की असीम आस्था जुड़ी है। तीन दिन के महोत्सव में समाज की ओर से दर्शन पूजन के साथ ही मंदिर के इतिहास के बारे में भक्तों से परिचय कराना भी है। पदाधिकारियों ने बताया कि कराचीखाना स्थित श्री 1008 भगवान पार्श्वनाथ चैत्यालय की नींव 1921 में रखी गई थी। 

मंदिर (1)

उस वक्त भक्तों को दर्शन करने के लिए काफी दूर जाना पड़ता था। ऐसे में कपूर चंद्र जैन ने संकल्प के साथ मंदिर का निर्माण कराया। उन्होंने अपने घर के एक हिस्से को मंदिर के लिए समर्पित कर दिया था। मंदिर बनने में दो साल का वक्ता लगा। इसके बाद समाज के लोगों को अपने क्षेत्र में ही पूजन करने के लिए मंदिर मिला। इससे खासतौर पर महिला भक्तों को काफी सहूलियत हुई। 

वर्ष 2007 में बनी सोने की वेदी

पदाधिकारियों ने यह भी बताया कि मंदिर में सोने व चांदी का खासतौर पर पूजन में प्रयोग किया जाता है। वर्ष 2007 में भगवान पार्श्वनाथ के लिए सोने की वेदी भक्तों की ओर से बनवाई गई। आज भी भगवान उसी वेदी पर विराजमान है। इसके अलावा प्रभु के पूजन व अभिषेक के लिए चांदी के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें थाली व कलश भी शामिल है। भगवान के लिण् छत्र भी सोने का चढ़ाया गया है। 

ये कार्यक्रम होंगे

9 अप्रैल: देव आज्ञा, आचाय्र निमंत्रण, ध्वजारोहण, अभिषेक, शांतिधारा, सकलीकरण, इंद्र प्रतिष्ठा, मंडप प्रतिष्ठा नित्य नियम पूजन, विधान पूजन होगा। शाम को श्रीजी की आरती (एक शाम आचार्य श्री गुरु विद्या सागर जी के नाम)। 10 अप्रैल: श्रीजी की आरती, शांतिधारा, नित्य नियम पूजन, विधान पूजन आयोजित होगा। शाम को 7 बजे नाटक भक्तामार की महिमा का मंचन होगा। 11 अप्रैल: श्रीजी का अभिषेक, शांतिधारा, नित्य नियम पूजन, विधान पूजन, विश्वशांति महायज्ञ व सम्मान समारोह होगा। शाम को 7 बजे श्री जी का 44 दीपकों से कल्याण मंदिर आराधना आयोजित किया जाएगा।  

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