Kanpur Dehat: महंगी हुई शिक्षा; कॉपी-किताबों से लेकर टाई-बेल्ट के भी बढ़े दाम, अभिभावकों का बिगड़ रहा बजट

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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कानपुर देहात, अमृत विचार। नवीन शैक्षणिक सत्र आरंभ हो चुका है और परिषदीय विद्यालयों में सब कुछ मुफ्त में देकर बच्चों का नामांकन कराने के लिए स्कूल चलो अभियान चलाया जा रहा है। जबकि कांवेंट स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावकों का बजट बिगड़ गया है। कॉपी-किताब की बढ़ी कीमतों ने उनकी मुश्किल बढ़ा दी है। 

पुस्तकों की दुकानों पर कापी-किताब के अलग-अलग सेट लगा दिए गए हैं। स्कूलों से उनकी सेटिंग है। मनमाने दाम वसूल किए जा रहे हैं। स्कूल ड्रेस, टाई, बैग, जूते-मोजे भी विद्यालयों की सहमति वाले दुकानों पर ही मिल रहे हैं। कांवेंट स्कूलों की शिक्षा दिन पर दिन महंगी होती जा रही है। 

एडमीशन को लेकर अभिभावकों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। साधन संपन्न लोगों के लिए तो प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना कोई मुश्किल काम नहीं है, लेकिन मध्यम वर्गीय परिवारों का बजट बिगड़ता जा रहा है। जैसे-तैसे एडमीशन कराकर पुस्तक की दुकान पर पहुंच रहे हैं तो उनका मूल्य देखकर पसीने आ रहे हैं। हर साल स्कूलों में बदले जाने वाला कोर्स भी इतना महंगा हो गया है कि अभिभावकों को खरीदना मुश्किल हो रहा है। 

सीबीएसई बोर्ड से संचालित विद्यालयों में एनसीईआरटी की पुस्तकें अनिवार्य की गई हैं, लेकिन अब भी कुछ स्कूलों में निजी प्रकाशकों की पुस्तकें चलाई जा रही हैं। विद्यालय संचालकों ने पुस्तक विक्रेताओं से समझौता कर रखा है। कुछ विद्यालय तो अपने लोगों से ही पुस्तकों से लेकर ड्रेस, टाई, बैग, जूते, मोजे तक की बिक्री करा रहे हैं। 

कक्षावार पुस्तकों के मूल्य

-तीन से चार हजार रुपये प्ले ग्रुप से कक्षा दो तक।
-चार से पांच हजार रुपये कक्षा तीन से पांच तक।
-छह हजार रुपये कक्षा आठ।
-6500 रुपये कक्षा नौ।
-सात हजार रूपये कक्षा दस।
-7500 रुपये कक्षा ग्यारह।
-आठ हजार रुपये कक्षा बारह।

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