शाहजहांपुर: हत्या मामले में शख्स दोषी सिद्ध, कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा...जानिए पूरा मामला

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
On

DEMO IMAGE

शाहजहांपुर, अमृत विचार। न्यायायलय अपर सत्र एवं जिला न्यायाधीश सप्तम की कोर्ट ने गैर इरादतन हत्या के मामले में सुनवाई के दौरान दोष सिद्ध होने पर एक अभियुक्त को 10 वर्ष कैद की सजा और 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। जबकि एक अभियुक्त को दोषमुक्त कर दिया गया। जबकि कोर्ट में मुकदमा विचारण के दौरान एक अभियुक्त की मृत्यु हो गई।

थाना निगोही क्षेत्र के गांव जिंदापुरा निवासी अमरपाल ने 20 अप्रैल 2004 को थाने पर तहरीर देकर बताया कि उसका बेटा रंजीत दोपहर 12 बजे नल पर पानी लेने गया था। वहीं पर गांव के साधू ने बेटे की बाल्टी में थूक दिया। इसी बात पर गाली-गलौज होने लगी। कुछ देर में साधू के पिता सियाराम और साधू व प्रेमपाल अपने हाथों में लाठी-डंडा और कांता लेकर आ गए और अमरपाल को पीटने लगे। 

शोर मचाने पर अमरपाल की पत्नी राजबेटी बचाने पहुंच गई। राजबेटी के गोद में उसकी एक वर्ष की बेटी कुसुम भी थी। इसी दौरान सियाराम ने हाथ में पकड़े कांता से प्रहार किया तो मासूम कुसुम के सिर में लग गया। इसके बाद हमलावर जान से मारने की धमकी देकर भाग गए। अमरपाल की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 324, 323, 504, 506 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की। 

मासूम कुसुम की मौत हो जाने के उपरांत धारा 324 के स्थान पर 304 तरमीम की गई। विवेचना उपरांत सियाराम, प्रेमपाल, साधू के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए। कोर्ट में मुकदमा विचारण के दौरान प्रेमपाल की मौत हो गई।

न्यायायलय अपर सत्र एवं जिला न्यायाधीश सप्तम की कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई के दौरान गवाहो के बयान और शासकीय अधिवक्ता भावशील शुक्ला के तर्को को सुनने के बाद पत्रावली का अवलोकन कर दोष सिद्ध होने पर न्यायाधीश मनोज कुमार सिद्धू ने अभियुक्त सियाराम को 10 वर्ष की कैद और 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। वहीं अभियुक्त साधू को दोषमुक्त कर दिया गया।

यह भी पढ़ें- शाहजहांपुर: प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत, परिजनों का हंगामा

संबंधित समाचार