अयोध्या: लोकगीतों से तुलसी मंच बना आकर्षण का केंद्र, छाया है राम जन्मोत्सव का उल्लास 

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Published By Anjali Singh
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अयोध्या, अमृत विचार। राम जन्मोत्सव के उल्लास में मगन श्रद्धालु राम की नगरी में देवी की आराधना के स्वर भी गुंजायमान कर आध्यात्मिक वातावरण निर्मित कर रहे हैं। संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा तुलसी मंच पर आयोजित रामोत्सव में भक्ति भावना हिलोरे लेती दिख रही है।

महाराजगंज से आए ओम प्रकाश यादव और उनके साथियों ने पारंपरिक बिरहा से राम जीवन के विविध प्रसंगों को सुना कर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। महलिया में घूम रही सीता, लेकर जय माल हो, इस बिरहा को सुनकर जय माल का दृश्य सभी की आंखों के सामने घूम गया।

कलाकारों ने लोक भजन गया बताओ जननी राम कहीया आइहे हो, तो सभी की व्यग्रता मानो मुखर हो उठी। हारमोनियम पर जय गोविंद यादव, नाल पर अनिल शर्मा और सहगायको में रामवृक्ष, ओमप्रकाश भारती और रामकरण यादव ने साथ दिया।

बलरामपुर से आए लोक गायक संजय गिरि ने एक के बाद एक राम भजन सुना कर सभी को मुग्ध कर दिया। रामलला मेरे, रामलला आए हैं से आरंभ करके उन्होंने राम आगमन की प्रति श्रद्धा निवेदित की। इसके बाद हम तो राम के दीवाने, राम ही हमारे हैं, गाकर भक्ति भावना का संचरण किया। कलाकारों ने तुलसी मंच से मानस की चौपाइयों का गायन किया।

इन कलाकारों ने पिया अयोध्या घुमाई दा ना, गाकर अयोध्या के वैभव और उल्लास को प्रकट किया। संजय गिरी के साथ जय राम व्यास, चुनचुन कुमार ने संगत किया। संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक देश दीपक मिश्र ने  किया। उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान लखनऊ के निदेशक अतुल द्विवेदी के निर्देशन में कलाकारों का सम्मान समन्वयक अतुल कुमार सिंह ने किया।

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