सुलतानपुर: प्रशासनिक उदासीनता से सूखे अमृत सरोवर, कैसे बुझेगी बेजुबानों की प्यास

सुलतानपुर: प्रशासनिक उदासीनता से सूखे अमृत सरोवर, कैसे बुझेगी बेजुबानों की प्यास

धनपतगंज/सुलतानपुर, अमृत विचार। सूखी हलक जिंदा रहने की जद्दोजहद के साथ भागदौड़ कर रहे बेजुबान पक्षियों और मवेशियों को जल शून्य गांव के ताल तलैया मुंह चिढ़ा रहे हैं। अमृत सरोवरों में पानी भराने के लिये जिला प्रशासन बेखबर है।

सप्ताह भर से तेज धूप और गर्म हवा के थपेड़ों से तपिश भरा मौसम बेजुबान पशु पक्षियों के लिये भारी पड़ता जा रहा है। गांव में सरकारी योजनाओं के तहत लाखों खर्च से खोदे गये अमृत तालाबों में कहीं भी बूूंद भर पानी नजर नहीं आ रहा है।  मौसम की तपिश में सूखी हलक लिए पशु पक्षियों को पानी की तलाश में लम्बी भागदौड़ करनी पड़ रही है। प्रकृति के भरोसे जीवन बशर करने वाले पशु पक्षियों पर बढ़ती गर्मी भारी पड़ रही है।

देखा जाय तो विकास खंड में अमृत  सरोवर, मॉडल तालाबों के निर्माण के पीछे जहां सरकार का एक उद्देश्य वर्षा जल संचयन का था, वहीं दूसरी सोच यह भी थी कि प्रकृति के भरोसे जीवन बसर करने वाले पशु पक्षियों को इन तालाबों पर प्यास बुझाने के लिये पानी मिल जायेगा।

वहीं तालाबों के भीटे पर लगे पेड़ों से छांव भी मिल जायेगी। लेकिन पंचायतों की गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली से न तालाबों में पानी भराया जा रहा है और न ही सुरक्षा का कोई बंदोबस्त है। रख रखाव के अभाव में लगे पेड़ ही कही कही ही नजर आ रहे हैं।  ऐसे मे मौसम की तपिश  बेजुबान मवेशियों और पक्षियों पर भारी पड़ रही है। जिला प्रशासन भी इस आसन्न संकट से बेखबर अभी तक विकास खंड के जलशून्य तालाबों में पानी भराने की पहल  नहीं कर सका है।

तालाबों में पानी भराने का नहीं है आदेशः एडीओ

धनपतगंज विकास खंड के एडीओ पंचायत ने बताया कि तालाबों में पानी भराये जाने का  ऐसा कोई आदेश  नहीं आया है। फिलहाल जिन तालाबों मंे पानी नहीं है, वहां पंचायतों को  पानी भराने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

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