Exclusive: बसपा ने सोशल इंजीनियरिंग का अपनाया फार्मूला; अहिरवार पर दांव लगाकर संघर्ष को बनाया त्रिकोणीय

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अभय प्रताप सिंह। मिश्रिख लोकसभा सीट पर नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही बहुजन समाज पार्टी ने बामसेफ कैडर को आगे बढ़ाने वाले पूर्व वन अधिकारी बीआर अहिरवार को प्रत्याशी घोषित किया है। कानपुर नगर में वर्ष 2013 से 2015 तक डीएफओ रहे बीआर अहिरवार बसपा के संगठन बामसेफ को मजबूत करने का काम करते रहे हैं। 

माना जा रहा है कि मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र में निर्णायक भूमिका में रहने वाले अनुसूचित जाति के वोटरों को लुभाने के लिए बसपा ने सोशल इंजीनियरिंग का यह फार्मूला अपनाया है। बीआर अहिरवार को उतारकर पार्टी ने चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है। 

इस सीट पर समाजवादी पार्टी से पूर्व मंत्री रामपाल राजवंशी की बहू संगीता राजवंशी मैदान में है, जबकि भाजपा ने वर्तमान सांसद अशोक रावत पर भरोसा जताया है। बीएसपी के तहसील सचिव ओमेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि पार्टी प्रत्याशी को बहुजन समाज के लोग मिलकर चुनाव लड़ाएंगे। 

तीन बार चुनाव जीत चुकी बसपा 

मिश्रिख लोकसभा सीट से तीन बार बसपा प्रत्याशी चुनाव जीत चुके हैं। वर्ष 1998 में राम शंकर भार्गव ने चुनाव जीता था, जबकि वर्ष 2004 में सबसे कम उम्र के प्रत्याशी के रूप में अशोक रावत चुने गए थे। वर्ष 2009 में अशोक रावत ने दोबारा बीएसपी का परचम लहराया था। इसके बाद वह बसपा छोड़ भाजपा में चले गए और पिछले चुनाव में भाजपा से सांसद बने थे। इस बार फिर से भाजपा के प्रत्याशी हैं।

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