अल्मोड़ा: थल में बंद हो चुके स्कूल का भवन जंगल की आग से स्वाहा 

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Published By Bhupesh Kanaujia
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अल्मोड़ा, अमृत विचार। कुमाऊं के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में भी वनाग्नि का कहर बढ़ता जा रहा है। पिथौरागढ़ समेत जिले के बेरीनाग, झूलाघाट, गंगोलीहाट, बरम, देवलथल समेत अनेक इलाकों में जंगल धू धू कर जल रहे हैं। शनिवार की रात जिले के थल क्षेत्र में नैनीथल गांव से लगे एक जंगल में भीषण आग लग गई।

आग ने धीरे धीरे इतना विकराल रूप धारण कर लिया कि वह प्राथमिक विद्यालय नैनीथल के भवन तक आ पहुंची और उसे अपनी चपेट में ले लिया। ग्राम प्रधान त्रिलोक थापा ने बताया कि यह स्कूल कोरोना काल के दौरान बंद हो चुका था। लेकिन इसका भवन अभी काफी अच्छी हालत में था।

लेकिन जंगल की आग की चपेट में आने के कारण स्कूल भवन की लकड़ी बनी छत राख में तब्दील हो गई है। जबकि स्कूल भवन की दीवारें भी चटख गई हैं। जबकि इसी क्षेत्र से लगे चौंसाला गांव में जंगल की आग फैलकर प्रेम सिंह, दीवान सिंह और बहादुर सिंह के आवासीय मकान के आंगन तक पहुंच गई।

इससे ग्रामीणों में हडकंप मच गया। रात एक बजे तक ग्रामीण आग बुझाने में जुटे रहे, तब जाकर कहीं आग पर काबू पाया जा सका। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग को सूचना देने के बावजूद भी विभाग के अधिकारियों द्वारा आग बुझाने को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। 

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