सीएचसी में जलाईं लाखों की सरकारी दवाएं, रायबरेली DM ने जांच के दिए निर्देश

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Published By Jagat Mishra
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रायबरेली, अमृत विचार। सरकारी अस्पताल से मिलने वाली दवाएं मरीजों को न देकर बाहर मेडिकल स्टोर से मंगवाई जाती है, जिसकी वजह सरकारी दवाएं बच जाती है जब काफी मात्रा में ऐसी दवाएं हो जाती है तो उन्हें जला दिया जाता है। कमीशन के चक्कर में दवा जलाने का मामला कई बार प्रकाश में आया है। ऐसा ही एक और मामला प्रकाश में आया है। 

जनपद की लालगंज सीएचसी में बुधवार की देर रात सीएचसी के कर्मचारियों द्वारा लाखों रुपये की कीमती दवाएं जलाई गई है। दवाओं में 2025 एक्सपाइरी डेट पड़ी है, लेकिन उन्हें कमीशन के खेल के चक्कर में जलाया जा रहा है। कुछ दिन पूर्व भी लालगंज में ही ऐसा मामला सामने आया था जिसमें एक किसान नेता को दोषियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए धरने पर भी बैठना पड़ गया था। जब इस पूरे मामले की भनक किसान नेता रमेश बहादुर सिंह को लगी तभी उन्होंने मौके पर आकर जलाई जा रही दवाओं को बुझाया और फिर सीएमओ को दूरभाष के माध्यम से सूचना दी। सीएमओ ने हमारे यहां की दवाइयां नही है ये कहकर पल्ला झाड़ लिया। असंतुष्ट नेता ने फिर जिलाधिकारी से शिकायत की जिलाधिकारी के निर्देश के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के आदेश के बाद दवाओं को सील कर लिया गया।।

वर्जन-
"मामला मेरे संज्ञान में है। अभी मैं जाकर खुद जांच करूँगा। दवाएं सील करवा दी गई है। और  दवाई कहां की है कौन लाया किस जगह से आई किसने उसको जलाया। सभी पहलुओ पर जांच के बाद जो भी दोषी होगा उसके ऊपर कारवाई की जाएगी।"
-डॉ वीरेंद्र सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी,रायबरेली

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