प्रयागराज: संगम नगरी में आज भी जिंदा है गंगा-जमुनी तहजीब, लाल साहब की जमीन पर बना करोड़ों का मंदिर

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Published By Deepak Mishra
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मिथलेश त्रिपाठी/ प्रयागराज। मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिंदी है हम वतन है हिन्दुस्तां हमारा। जी हां  अल्लामा इकबाल की पंक्तियां प्रयागराज के दो मजहब के लोगों पर बिल्कुल सटीक बैठ रही है। प्रयागराज नैनी के रहने वाले स्व. लाल मोहम्मद के प्रपौत्र मोहम्मद गौस शाहीम ने एक बड़ी मिसाल पेश की । 

इस तरह से अयोध्या में भगवान श्री राम की मंदिर का निर्माण किया गया ठीक उसी तरह से प्रयागराज के नैनी में भगवान श्री कृष्णेश्वर महादेव की एक विशाल मंदिर बना दी गई। यह मंदिर लाल मोहम्मद की दान दी गई जमीन पर बनाई गई है। आज यह मंदिर पूरे यमुनानगर में चर्चा का विषय बना है। 

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बताना चाहेंगे कि यमुनानगर के नैनी में रहने वाले लाल मोहम्मद नैनी बड़े जमींदार थे। वह लाल मोहम्मद की बगिया के रहने वाले थे। वह लाल मोहम्मद बीड़ी के नाम से प्रसिद्ध थे। धीरे-धीरे उन्होंने गंगोत्री नगर, विद्यानगर, कृष्णा नगर सहित तमाम नगरों को बसाया। 

उसी नगर में एक कृष्णा नगर भी है। लाल मोहम्मद के प्रपौत्र गौस मोहम्मद शाहीम ने विद्या नगर में 1000 वर्ग गज भूमि राधा बल्लभ ट्रस्ट के नाम दान कर दी। जिसके बाद गंगोत्री नगर के रहने वाले पूरन त्रिपाठी पुत्र सीताराम त्रिपाठी ने उस भूमि पर एक विशाल अलौकिक मंदिर का निर्माण करा दिया।

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खास बात यह है कि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में भगवान श्री राम की मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गयी और 22 फ़रवरी को श्री कृष्णेश्वर महादेव मंदिर का शिलांन्यास किया गया। वही पूरन त्रिपाठी का कहना है कि इस कालोनी में एक पुरानी मस्जिद भी बनी है जिसका जीर्णोद्धार भी कराया जाएगा। आज यह मंदिर गंगा जमुनी तहजीब के लिए मिसाल बनी है।

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