नैनीताल: हाईकोर्ट ने हत्याभियुक्त की फांसी की सजा को बदला

नैनीताल: हाईकोर्ट ने हत्याभियुक्त की फांसी की सजा को बदला

नैनीताल, अमृत विचार। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार सेशन कोर्ट द्वारा जघन्य अपराध में फांसी की सजा पाए एक मामले में सुनवाई की। मुख्य न्यायधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार की खंडपीठ ने अभियुक्त का कोई क्रिमिनल रिकार्ड न होने व केस में उसके खिलाफ फांसी की सजा दिए जाने के पर्याप्त सबूत रिकार्ड में उपलब्ध नहीं होने से अपराधी की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया।

मामले के अनुआर  2016 में हरिद्वार के रानीपुर में रुपयों के लेन-देन से उपजे विवाद में छोटे भाई ने चाकू से भाई और भाभी की नृशंस हत्या कर दी थी। हत्यारोपी सरताज ने पांच वर्षीय भतीजी की भी हत्या करने की कोशिश की। हत्यारोपी के सिर पर खून सवार देखकर ग्रामीणों ने घर के बाहर कुंडा लगाकर उसे बंद कर दिया।

पुलिस के पहुंचने के बाद दोहरे हत्याकांड के आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट ने सरताज को फांसी की सजा सुनाई थी। फांसी की सजा को अभियुक्त के द्वारा उच्च न्यायलय में चुनौती दी गई थी।