मुरादाबाद : भीषण गर्मी में बढ़े डायरिया के मामले, एक दिन भर्ती हो रहे 100 मरीज...बरतें सावधानी
चिकित्सक बोले- जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें
मुरादाबाद, अमृत विचार। पिछले कई दिनों से बढ़ रहे तापमान ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है। तपती धूप के बीच लोग घरों से नहीं निकल रहे है। शहर से लेकर देहात तक डायरिया के मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है। सरकारी व निजी अस्पतालों में प्रतिदिन डायरिया व बुखार के मरीज पहुंच रहे हैं। ऐसे में चिकित्सकों ने सलाह दी है कि बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें और धूप से बचे।
मई के आखिरी महीने में गर्मी ने अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया है। पिछले कई दिनों से भीषण गर्मी में एसी, कूलर और पंखों ने काम करना बंद कर दिया है। सुबह से आसमान में तेज धूप से लोगों का बुरा हाल होने लगा है। जिसके कारण बुखार और डायरिया की समस्या हो रही है। रविवार को भी तेज धूप और गर्म हवा से लोग बेहाल नजर आए। जिससे लोगों को डायरिया ने अपने चपेट में लेना शुरू कर दी है। अगर बात करें जिला अस्पताल कि यहां प्रतिदिन दो हजार मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं। जबकि 100 मरीज सिर्फ डायरिया के ही भर्ती हो रहे है। चिकित्सकों का कहना है अगर गर्मी के मौसम में किसी को चक्कर आना, बुखार या उल्टी दस्त की परेशानी हो रही है तो वह तुरंत चिकित्सकों को दिखाए। दोपहर के समय धूप में निकले से बचे।
गर्मी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में लोगों को अपना ख्याल रखना बहुत जरूरी है। बिना किसी वजह से धूप में न निकलें। अगर धूप में घर से बाहर निकल रहे हैं तो सिर को ढककर निकले। जो लोग धूप में काम करते है जो उनके लिए जरूरी है कि वह दोपहर में आराम जरूर करें। लगातार पानी पिएं। बासी खाना खाने से बचें।- डॉ. राजेंद्र कुमार, चिकित्सा अधीक्षक, जिला अस्पताल
डायरिया फूड प्वाइजन से होता है। बहुत से लोग बाहर का खाना खाते हैं। कटे-गले फल खाने से भी डायरिया होता है। डायरिया से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। बीपी भी लो जाता है। डायरिया में गुर्दे भी खराब हो सकते है। अगर किसी को भी डायरिया की हल्की शिकायत है तो तुरंत चिकित्सक को दिखाए।- डॉ. सीपी सिंह, फिजिशियन
डायबिटीज रोगी बरतें सावधानी
चिकित्सकों का कहना है कि गर्मियों में निर्जलीकरण होना सामान्य है और इससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने का भी खतरा हो सकता है। इसके अलावा डायबिटीज की समस्या आपकी रक्त वाहिकाओं-तंत्रिकाओं को भी नुकसान पहुंचाने लगती है। इनमें पसीने की ग्रंथियों की तंत्रिकाएं भी शामिल हैं। इन स्थितियों में हीटवेब की समस्या शरीर को ठंडा रखने के तंत्र को भी प्रभावित कर देती है। डायबिटीज के ऐसे रोगी जिनको न्यूरोपैथी की दिक्कत (डायबिटीज न्यूरोपैथी) रही है उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
गर्मी से बचाव को यह बरतें सावधानी
- शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए खूब पानी पीते रहें।
सूती और ढीले कपड़े पहनें। ये शरीर को ठंडा रखने में मददगार है।
पूरे कपड़े पहनें, हाथों को अच्छे से कवर करके रखें।
दोपहर के समय घर से अनावश्यक रूप से बाहर जानें से बचें।
क्या न करें?
- गर्मी से बचाव के लिए बच्चों और जानवरों को गाड़ी में न छोड़ें।
दोपहर के समय बाहर किसी भी प्रकार की गतिविधियों से बचें।
शराब के सेवन से बचा जाना चाहिए।
धूप के सीधे संपर्क में आने से बचें।
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