पीलीभीत: FIR ने बढ़ाई टेंशन...आधार कार्ड को आधार बनाकर गर्दन बचाने में जुटे जिम्मेदार, जानें पूरा मामला
पीलीभीत, अमृत विचार। सामूहिक विवाह समारोह में नाबालिग लड़की की शादी के आरोप में घिरे जिम्मेदार अब लड़की के आधार कार्ड को आधार बनाकर अपनी गर्दन बचाने में जुटे हैं। वहीं शिकायत पर जिला प्रोबेशन अधिकारी ने भी चार सदस्यीय बनाकर मामले की जांच शुरू करा दी है। फिलहाल इस पूरे मामले में यदि शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए तथ्य सही पाए गए तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई तय है।
माधोटांडा थाना क्षेत्र की एक महिला द्वारा उसकी नाबालिग पुत्री की शादी सामूहिक विवाह समारोह में कराने के लगाए गए आरोप का मामला अब तूल पकड़ता नजर आ रहा है। शिकायत के बाद अब मामले की कई स्तर पर जांच शुरू कर दी गई है। वहीं सामूहिक विवाह समारोह कराने वाला समाज कल्याण विभाग लगाए गए आरोपों में कहीं न कहीं घिरता नजर आ रहा है।
आखिर इतनी जांच पड़ताल के बाद भी सामूहिक विवाह समारोह में एक नाबालिग की शादी कैसे हो गई, इसका खुलासा तो अब जांच पूरी होने के बाद भी हो सकेगा। फिलहाल जिम्मेदार विभाग महिला की पुत्री के आधार कार्ड की जांच पड़ताल करने में जुटा है। चूंकि सामूहिक विवाह समारोह के लिए बैंक में खाता खुलवाना आवश्यक है। ऐसे में विभाग के कर्मचारियों ने संबंधित बैंक पहुंचकर मामले में पड़ताल की। बताते हैं कि बैंक अधिकारियों द्वारा भी उन्हें वही आधार कार्ड लगा होने की जानकारी दी, जिसे आवेदन में संलग्न किया गया था।
इस कार्ड में भी महिला की पुत्री की आयु 19 वर्ष होना दर्शाई गई है। ऐसे में अब जिम्मेदार विभाग आधार कार्ड को सही बताते हुए महिला की पुत्री को बालिग बताकर खुद को सही साबित करने में जुट गया हैं। फिलहाल इस मामले में कई स्तर पर जांच चल रही है, ऐसे में आधार कार्ड को ही आधार मानकर बचना मुश्किल प्रतीत हो रहा है।
बता दें कि माधोटांडा थाना क्षेत्र की महिला ने अपने जेठ समेत चार लोगों पर 13 वर्षीय पुत्री को बहला-फुसलाकर सामूहिक विवाह समारोह में शादी कराने का आरोप लगाया था। इस मामले में पुलिस भी एफआईआर दर्ज कर विवेचना करने में जुटी है।
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