सीतापुर: बाघ ने किया भैंस का शिकार, गांव में दहशत, विभाग बेपरवाह

सीतारामपुर से नदी पार कर इमलिया घाट जंगल पहुंच गई थी भैंस, आबादी की ओर बढ़ रहा है बाघ, कांबिंग के नाम पर मजाक 

सीतापुर: बाघ ने किया भैंस का शिकार, गांव में दहशत, विभाग बेपरवाह

महोली/सीतापुर,अमृत विचार। कोतवाली इलाके के कठिना नदी के किनारे बसे रुस्तमनगर-कोल्हौरा गांव में बाघ ने भैंस का शिकार कर इलाके में दहशत फैला दी है। लोग काम करने के लिए खेतों में जाने से कतरा रहे हैं तो महिलाएं शौच जाने से डर रही हैं। मवेशी और बच्चों की सुरक्षा को लेकर रतजगा कर रहे ग्रामीणों का जीवन मुश्किल हो रहा लेकिन वन विभाग पूरी तरह बेपरवाह है। कांबिंग के नाम पर टीम मजाक कर रही है। ग्रामीणों का वन विभाग के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है। मामला कोतवाली क्षेत्र के रुस्तमनगर कोल्हौरा गांव का है। 

गांव के दक्षिण कठिना नदी बह रही है। नदी के उस पार सीतारामपुर गांव बसा है। नदी के पश्चिम और पूरब-उत्तर घना जंगल है। इस जंगल में करीब एक वर्ष से बाघ के कुनबे ने डेरा डाल रखा है। शनिवार की शाम सीतारामपुर गांव से नदी उतर कर घास चरने के लिए जंगल में दाखिल हुई राम भरोसे की भैंस पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। 

खेत में काम कर रहे किसानों की नजर जब भैंस गर्दन पकड़ घसीट रहे बाघ पर पड़ी तो वह चीख-पुकार कर गांव की ओर भाग खड़े हुए। इससे पहले भी बाघ कई पालतू जानवरों को अपना शिकार बना चुका है। सूचना के बाद रविवार को वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कांबिंग के नाम पर मजाक कर वापस लौट गई। वन विभाग का यह रवैया ग्रामीणों में आक्रोश भर रहा है। 

रविवार को ग्राउंड जीरो पर पहुंची अमृत विचार की टीम से ग्रामीणों ने अपना दर्द साझा किया। उन्होंने बताया कि बाघों से बचने और अपने बच्चों और मवेशियों को बचाने की  सारी जिम्मेदारी हम ग्रामीणों पर ही है। वन विभाग पर हमें रत्ती भर भरोसा नहीं है। वह आकर यहां फोटो खिंचवाते हैं और वापस चले जाते हैं। उनकी यह बेपरवाही किसी दिन बड़ी अनहोनी का कारण बनेगी।

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