प्रतापगढ़ : टेंडर के इंतजार में फेको मशीन से आंख का आपरेशन

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Published By Vinay Shukla
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राजा प्रताप बहादुर अस्पताल में चीरा विधि से किया जा रहा मोतियाबंद का आपरेशन

प्रतापगढ़ अमृत विचार । राजा प्रताप बहादुर अस्पताल में फेको मशीन नहीं है। इसके लिए पूर्व में कराया गया टेंडर निरस्त हो गया था। इससे लोगों केे मोतियाबिंद के आपरेशन में परेशानी होती है। अस्पताल में पुरानी विधि चीरा लगाकर आंखों केे मोतियाबिंद का आपरेशन किया जाता है। यही कारण है कि अब आपरेशन के लिए मरीजों की संख्या कम हो गई है।

प्रायः फेको सर्जरी मोतियाबिंद हटाने की सबसे आम तकनीक मानी जाती है। इसमें बेहोश करने की प्रक्रिया की सबसे कम जरूरत पड़ती है और सर्जरी की तैयारी करने के लिए आंखों में सुन्न करने वाले ड्राप डाला जाता है। इस प्रक्रिया में कार्निया (यह साफ गुंबद के आकार का हिस्सा है, जो आपकी आंख के सामने के भाग को घेरता है) के किनारे पर एक अत्याधुनिक मशीन से एक छोटा चीरा लगाया जाता है।

फेको मशीन न होने से राजा प्रताप बहादुर अस्पताल में पुरानी विधि चीरा लगाकर आंखों का आपरेशन किया जाता है। कुछ माह पूर्व नेत्र सर्जन डा. विवेक त्रिपाठी की मांग पर फेको मशीन के लिए मेडिकल कालेज प्रशासन ने टेंडर कराया था। इसे बाद में निरस्त कर दिया गया। अब इसके लिए पुन: टेंडर कराया जाएगा। नेत्र सर्जन डा. विवेक त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल में पिछले माह अप्रैल में 50 मोतिया बिंद के आपरेशन हुए तथा 28 मई तक कुल 35 आपरेशन किए गए। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. सलिल श्रीवास्तव ने बताया कि फेको मशीन के लिए टेंडर हुआ था,वह निरस्त हो गया है। बजट उपलब्ध है,जल्द ही पुन: टेंडर कराकर फेको मशीन मंगाई जाएगी।

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