Banda: जानलेवा हुई भीषण गर्मी, लू और हीट स्ट्रोक से थाने के फालाेवर समेत चार की मौत...जिला प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी
बांदा में लू और हीट स्ट्रोक से थाने के फालोवर समेत चार की मौत
बांदा, अमृत विचार। बीते पांच दिनों से पड़ रही बेतहाशा गर्मी अब जानलेवा हो चली है। भीषण गर्मी के बीच दोपहर के वक्त घर से बाहर निकलने वाले लोगों की जान पर खतरा मडराने लगा है। गुरुवार को लू और हीट स्ट्रोक की चपेट में आने से जहां कालिंजर थाने के फालोवर समेत चार लोगों के दम तोड़ देने की खबर है, वहीं कई अन्य लोग गंभीर हालत में बीमार होकर विभिन्न अस्पतालों में अपना उपचार कराने को विवश हैं।
हालांकि भीषण गर्मी व हीट वेव को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से एडवाइजरी जारी करके अपना बचाव करने की सलाह दी गई, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक लोगों को गर्मी व लू से बचाने के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए।
आसमान में सूर्य की किरणे आग उगल रही हैं। मौसम विज्ञानी बताते हैं कि शुक्रवार की सुबह 10 बजे तापमान 43 डिग्री सेल्सियस है। जिसके दोपहर तक 48 डिग्री तक पहुंचने की उम्मीद करते हैं। भीषण गर्मी व लू की चपेट में आकर लोग गश खाकर गिर रहे हैं और गंभीर हालत में अस्पताल कर रुख कर रहे हैं।
गुरुवार को कालिंजर थाने में तैनात पवन कुमार (55) की अचानक भीषण गर्मी से तबियत बिगड़ गई। पुलिस कर्मियों ने उसे आनन फानन सीएचसी नरैनी में भर्ती कराया, जहां उसने दम तोड़ दिया। बताया जाता है कि भीषण गर्मी से बेहाल होकर फालोवर की मौत हुई। जबकि क्षेत्राधिकारी अंबुजा त्रिवेदी मौत का कारण अज्ञात बता रही हैं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्पष्ट वजह बताने की बात कह रही हैं।
वहीं नरैनी कस्बे के जवाहर नगर निवासी चंद्रशेखर (55) पुत्र नाथूराम गुरुवार की दोपहर पैदल ही बाजार से अपने घर की ओर जा रहा था, तभी रास्ते में उसकी तबियत बिगड़ गई और वह बेहोश होकर सड़क पर ही गिर गया। थोड़ी देर बाद ही उसने सड़क पर ही दम तोड़ दिया।
ऐसे ही बबेरू कोतवाली क्षेत्र के करिंगा गांव निवासी कलावती (55) गांव से दो किमी दूर स्थित अपने मायके तरायां से अपने घर वापस लौट रही थी। तभी रास्ते में वह गश खाकर गिर गई और थोड़ी देर बाद दम तोड़ दिया। कंचन पुरवा निवासी अरविन्द गुप्ता पुत्र मैयादीन गुप्ता की भी देर शाम लू लगने से मौत हो गई।
वहीं प्रशासन ने पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही हत्या का कारण स्पष्ट होने की बात कही है। इसके अलावा जिले में दर्जनों लोग लू और हीट वेव का शिकार होकर अस्पतालों में भर्ती होकर अपना उपचार करा रहे हैं।
दोपहर 12 से 3 तक सूर्य की सीधी रोशनी से बचने की सलाह
जिला प्रशासन की तरफ से भीषण गर्मी व लू से बचाव के लिए अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार ने एडवाइजरी जारी की है। कहा है कि शरीर में पानी व नमक की कमी से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। बताया है कि 40.6 डिग्री तापमान से अधिक पर एक घंटे से अधिक रहने पर मस्तिष्क में क्षति होने की संभावना प्रबल हो जाती है।
कहा है कि हीट वेव की स्थिति से शरीर की कार्यप्रणाली पर प्रभाव पड़ता है, जिससे मृत्यु भी हो सकती है। सलाह दी है कि प्रचार माध्यमों पर हीट वेव की चेतावनी पर ध्यान दें, बगैर प्यास के भी अधिक से अधिक पानी पिएं, हल्के रंग के हल्के वस्त्र पहनें, धूप के चश्मे, छाता, टोपी आदि का प्रयोग करें, लू से पीड़ित व्यक्ति को छाया में लिटाकर सूती गीले कपड़े से पोंछे और चिकित्सक से संपर्क करें।
ओआरएस, लस्सी, चावल का पानी, छाछ आदि का उपयोग अधिक करें, गर्भवती महिलाओं और रोग ग्रस्त लोगों पर अधिक ध्यान दें। जिला प्रशासन ने दोपहर 12 से 3 बजे तक सूर्य की सीधी रोशनी से बचने, यथासंभव घर की निचली मंजिल पर रहने, अधिक प्रोटीन व बासी भोजन न करने, अल्कोहल, चाय व काफी पीने से परहेज करने की सलाह दी है। हालांकि जिला प्रशासन की ओर से गर्मी व हीट वेव से बचाव के लिए कोई ठोस उपाय अभी तक नहीं किए गए हैं। महज एडवाइजरी जारी करके कर्तव्यों की इतिश्री कर ली गई है।
भीषण गर्मी से हुई सैकड़ों चमगादड़ों की मौत
नौतपा में पड़ रही भीषण गर्मी से जहां आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है, वहीं पशु पक्षियों का भी बुरा हाल हो रहा है। अतर्रा कस्बा के नहर कोठी स्थित ऑक्सीजन पार्क में करीब ढाई सैकड़ा चमगादड़ों के मृत पाए जाने से इलाके में हड़कंप मच गया। कस्बा क्षेत्र में तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है।
सूचना पर पहुंचे नगर पालिका के सफाई कर्मियों ने सभी मृत चमगादड़ों को डंपिंग स्थल पर फेंक दिया गया। उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी निर्मल कुमार गुप्ता ने कहा एक साथ इतने चमगादड़ों की मौत की असल वजह जानने का प्रयास किया जा रहा है। आशंका है कि भीषण गर्मी भी मौत का कारण हो सकती है।
नगर पालिका ने डंपिंग स्थान में खुले में ही मृत चमगादड़ों को फेंक दिया गया है। समाजसेवी राकेश कुमार गौतम, अर्जुन मिश्रा, रवि सिंह आदि का कहना है कि इससे संक्रमण भी फैल सकता है। चिकित्सक श्री गुप्ता ने बताया कि एक चमगादड़ के शव को लैब में जांच के लिए भेजा गया है।
उन्होंने चमगादड़ों की मौत के लिए प्रथमदृष्टया हीट स्ट्रोक को कारण बताया है। एसडीएम रविन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि अत्यधिक गर्मी के चलते पक्षियों के मरने का अंदेशा है। अन्य पहलुओं की भी जांच कराई जा रही है। फिलहाल संक्रमण जैसी कोई बात अभी नहीं दिख रही है।
दो दिन पहले मछलियों ने नदी के किनारे तोड़ा था दम
आपको बता दे की 25 मई से नौतपा लगा हुआ है उसके बाद से ही जनपद का तापमान लगातार बढ़ रहा है। बीते मंगलवार को सुबह से ही प्रचंड धूप निकल और 10:45 बजे तक जनपद का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया वहीं डेढ़ घंटे बाद 11:30 बजे 47 डिग्री पहुंच गया और दोपहर में 1:00 बजे का तापमान कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया वहीं 1:00 से 3:00 तक का तापमान 49 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। इसकी वजह से ट्रेन नदी में जहां-जहां कम पानी था वह खौल उठा और उसमें मौजूद दर्जनों मछलियों ने दम तोड़ दिया था ।
कृषि वैज्ञानिकों ने दी सुबह-शाम कृषि कार्य करने की सलाह
भीषण गर्मी व हीट वेव से समूचे जनपद में त्राहि त्राहि मची हुई है। ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों ने किसान भाइयों को सुबह-शाम कृषि कार्य करने और अधिक से अधिक ठंडे पेय पदार्थ सेवन करने की सलाह दी है। कृषि विज्ञान केंद्र की विशेषज्ञ डा.दीक्षा पटेल ने किसानों को कृषि कार्य करने में सावधानी बरतने की सलाह दी है। बताया है कि मौसम विभाग के अनुसार जनपद का तापमान 49 से 52 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है।
कहा है कि आवश्यक कार्य होने पर ही दोपहर के वक्त घर से बाहर निकलें, ठंडक प्रदान करने वाले पेय पदार्थ नींबूपानी, बेल का शर्बत, आम का पना आदि सेवन करें, हल्का भोजन करें और बार-बार ठंडा पानी पीते रहें। ऐसे ही कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डा.श्याम सिंह ने किसानों को मानसून आने के बाद ही धान की बुआई करने की सलाह दी है।
कहा है बागवानी करने वाले किसान सब्जियों की सिंचाई रात के समय करें। दुधारू पशुओं को धूप से बचाने के इंतजाम करें और ठंडे पानी के साथ 50 ग्राम नमक, एक किलो धान और 50 ग्राम खनिज मिश्रण अवश्यक दें। पक्षियों के लिए घर की छतों व बालकनी में पानी की व्यवस्था करें।
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