विश्व दुग्ध दिवस: दूध की कीमतें बढ़ीं पर मिलावट का सिलसिला जारी
जिले में हर रोज लगभग 797405 लीटर दूध का उत्पादन
बरेली, अमृत विचार: जिले में हर रोज लगभग 797405 लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है। दूध की कीमतें भी बाजार में लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन इसमें मिलावट का खेल जारी है। खाद्य सुरक्षा विभाग के आंकड़े भी इस ओर इशारा कर रहे हैं। तीन वर्षों में 164 दूध के नमूने फेल हो चुके हैं। बाजार और डेयरियों पर मिलने वाला दूध कितना पोषण युक्त है, इसकी कोई गारंटी नहीं है।
जिले में पशुपालकों के अलावा पराग डेयरी भी 30 हजार लीटर तक दूध उत्पादन करती है, जो पूरे मंडल में दूध सप्लाई होता है। दूध का रेट भी पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। पराग डेयरी के जनरल मैनेजर मनीष सिंह ने बताया कि दूध के रेट किसी तरह से भी रेग्युलेट नहीं होते हैं। यह मार्केट में डिमांड और प्रोडक्शन के अनुसार ही ऊपर नीचे हो सकते हैं।
हालांकि सस्ता वाला और महंगा वाला दूध में क्रीम का फर्क होता है। इस समय टोन्ड दूध की कीमत (क्रीम आधी निकाली हुई होती है) 56 रुपये है। वहीं फुल क्रीम वाले दूध की कीमत 66 रुपये है। दूध में छह प्रतिशत फैट और नौ प्रतिशत एसएनएफ (सालिड्स एंड नॉन फैट्स) होना अनिवार्य है। खाद्य सुरक्षा विभाग सहायक आयुक्त खाद्य द्वितीय अपूर्व श्रीवास्तव ने बताया जिले में दूध में अब तक सिंथेटिक होने के मामले बहुत कम हैं, लेकिन जो दूध हम ले रहे हैं, उसमें पोषण यानी क्रीम खींच ली जाती है। जिससे दूध पीने से भी शरीर को जरूर पोषण नहीं मिल पाता है।
जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ. राहुल के अनुसार दूध शरीर में पोषण की कमी को पूरा करता है। दूध में कैल्शिय,आयरन,कॉर्बोहाइड्रेट,विटामिन,मिनरल समेत सभी गुण होते हैं। दूध की क्रीम गुड फैट्स में आती है जो सभी के लिए जरूरी है।
जिले में अनुमानित दूध उत्पादन
जानवर लीटर
गाय 198575
भैंस 548140
बकरी 15690
किस वर्ष में कितने दूध के नमूने हुए फेल-पास
वर्ष कुल सैंपल फेल पास
2021-22 166 58 108
2022-23 173 95 77
2023-24 78 11 67
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