मानहानि मामला: अदालत ने राहुल को 7 जून को पेश होने को कहा, सिद्धरमैया और शिवकुमार को जमानत
बेंगलुरु। भाजपा द्वारा दायर मानहानि के एक मामले में यहां की एक अदालत ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पेश होने का निर्देश दिया और इस मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया तथा उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार को जमानत दे दी। इस मामले के संबंध में राहुल गांधी को सात जून को अदालत में पेश होने को कहा गया है। कथित झूठे विज्ञापनों पर मानहानि का मुकदमा भाजपा महासचिव केशव प्रसाद ने दायर किया था।
सिद्धरमैया और शिवकुमार बेंगलुरू में जनप्रतिनिधियों के लिए विशेष अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश हुए, जबकि गांधी, जिन्हें उपस्थित होना था, पेश नहीं हुए। भाजपा के अधिवक्ताओं ने आपत्ति जताई और कहा कि गांधी को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 205 के तहत छूट नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि वह दूसरी बार उपस्थित नहीं हुए हैं।
कांग्रेस के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि गांधी नयी दिल्ली में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक में भाग ले रहे थे और वह लोकसभा चुनाव में भी उम्मीदवार हैं। उन्होंने अदालत से शनिवार की सुनवाई से छूट मांगी और वादा किया कि कांग्रेस नेता अगली तारीख पर मौजूद रहेंगे। अदालत ने गांधी को छूट देते हुए उन्हें सात जून को अदालत के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यह आरोप लगाते हुए मानहानि का मामला दर्ज कराया था कि इन कांग्रेस नेताओं ने तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई समेत भाजपा नेताओं के खिलाफ झूठे विज्ञापन दिये। सभी लोक निर्माण कार्यों में 40 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने पिछली सरकार के खिलाफ ‘भ्रष्टाचार रेट कार्ड’ भी प्रकाशित किया था।
शिकायतकर्ता ने कांग्रेस पार्टी पर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के खिलाफ बदनाम करने वाला अभियान चलाने का आरोप लगाया। पत्रकारों से बात करते हुए सिद्धरमैया ने कहा कि वे एक निजी शिकायत के सिलसिले में अदालत में पेश हुए थे। उन्होंने मामले को दीवानी मामला बताया और कानून के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि केपीसीसी अध्यक्ष शिवकुमार और राहुल गांधी भी इस मामले में शामिल हैं। तीनों नेताओं ने इस मामले से संबंधित अदालती पेशी से बचने के लिए स्थायी रोक का अनुरोध किया है।
इस बीच, मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के विज्ञापन भाजपा नेताओं द्वारा दिए गए बयानों पर आधारित हैं, जिनकी मीडिया में रिपोर्ट आई है। उन्होंने कहा कि पार्टी कानूनी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है तथा उन्होंने भाजपा नेताओं के उन दावों का भी उल्लेख किया कि उन्हें मुख्यमंत्री पद तथा अन्य पदों के लिए भारी भरकम भुगतान किया गया है।
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