बरेली: पानी के लिए परेशान महिलाओं के प्रदर्शन पर प्रदर्शन...तो यही है नगर निगम का नारी वंदे
शनिवार को खुर्रम गौंटिया, सूफी टोला, कटीकुइयां, जाटवपुरा और माधोबाड़ी की महिलाओं के नगर निगम में अलग-अलग प्रदर्शन
बरेली, अमृत विचार। सरकारी विभागों में मौके-बेमौके गूंजने वाले नारी वंदे जैसे नारों का हश्र क्या है, यह भीषण गर्मी में पानी के लिए जूझ रही शहर की हजारों महिलाओं के चेहरों पर साफ दिखाई दे रहा है। नगर निगम पर कई दिनों से रोज प्रदर्शन हो रहे हैं। यह संकट कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शनिवार को एक ही दिन में कई इलाकों की महिलाएं अलग-अलग प्रदर्शन करने नगर निगम पहुंचीं। हालांकि देर शाम तक इनमें से एक भी इलाके में पानी का संकट हल नहीं हो पाया।
पानी की किल्लत से परेशान महिलाओं का नगर निगम पहुंचकर प्रदर्शन का सिलसिला सुबह 11 बजे शुरू हो गया जो शाम चार बजे तक जारी रहा। एक-एक कर माधोबाड़ी, खुर्रम गौंटिया, सूफी टोला, कटीकुइयां और जाटवपुरा की महिलाएं नगर निगम पहुंचीं और पानी की सप्लाई न होने पर गुस्सा जताते हुए नारेबाजी की। इसके साथ जलकल विभाग के कार्यालय में एक्सईएन को भी घेरकर खरीखोटी सुनाई। महिलाओं का कहना था कि पानी न मिलने से शहर में लाखों की आबादी परेशान है लेकिन अफसर कोई समाधान करने के बजाय आराम से अपने दफ्तरों में बैठे हैं। शिकायतों पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
महिलाओं ने एक्सईएन को चेतावनी दी कि बार-बार झूठे आश्वासन से वे टलने वाली नहीं हैं। अगर एक-दो दिन में पानी की सप्लाई शुरू न हुई तो वे पूरे परिवार के साथ आकर नगर निगम में बैठ जाएंगी। महिलाओं ने कहा कि परिवार के वयस्क पुरुष तो जैसे-तैसे इधर-उधर जाकर काम चला ले रहे हैं लेकिन उनके साथ बच्चों और बुजुर्गों को बूंद-बूंद पानी के लिए जूझना पड़ रहा है। महिलाओं ने कहा कि पानी न मिलने से अगर किसी के साथ कोई अनहोनी हुई तो इसकी पूरी जिम्मेदारी नगर निगम की होगी।
एक्सईन के थोड़ी देर में जेई भेजने का आश्वासन ठुकराया, बोलीं- थोड़ी देर में नहीं, अभी भेजो
महिलाओं की जलकल विभाग के अधिकारियों से काफी नोकझोंक हुई। अधिकारियों ने महिलाओं से घर जाने का आग्रह करते हुए कुछ देर में जेई को भेजने का आश्वासन दिया तो उन्होंने इसे मानने से इन्कार कर दिया। महिलाओं ने कहा कि वे काफी समय से ऐसे आश्वासन सुन रही हैं। न अब तक जेई आया है, न ही समस्या हल हुई है। उन्होंने जेई को फौरन भेजकर पानी की सप्लाई शुरू कराने की मांग की। बता दें कि शहर में करीब 70 हजार की आबादी पानी के संकट से जूझ रही है। महीने भर पहले से इस बारे में नगर निगम के अधिकारियों से शिकायतें की जा रही हैं लेकिन अब तक अफसर लोगों को कोई राहत नहीं दे पाए हैं।
यह है वादों की असलियत
खुर्रम गौटिया
खुर्रम गौंटिया वार्ड-35 का हिस्सा है। सबसे ज्यादा महिलाएं यहीं से प्रदर्शन करने पहुंची थीं। बताया, इलाके में 40-50 दिनों से पानी की सप्लाई बंद है। इसी मोहल्ले के राकेश, कृष्णा, अनुराग, दीपक आदि ने बताया कि कई बार नगर निगम आकर शिकायत दर्ज करा चुके हैं लेकिन समस्या का हल नहीं हो सका। जलकल विभाग हर बार टालमटोल कर देता है।
माधोबाड़ी
माधोबाड़ी की महिलाओं ने बताया कि उनके इलाके में करीब 15 दिन पहले पानी की सप्लाई बंद हो गई थी जो अब तक दोबारा शुरू नहीं हुई है। इसकी कई बार शिकायत भी दर्ज कराई। अधिकारियों ने जल्द सप्लाई शुरू कराने का आश्वासन तो दे दिया लेकिन अब तक स्थिति जस की तस है। पानी न आने से हैंडपंपों पर लोगों की लाइन लगी रहती है।
जाटवपुरा
जाटवपुरा के लोगों ने बताया कि उनके इलाके में दस दिन से ज्यादा वक्त से पानी नहीं आ रहा है। मोहल्ले के सैकड़ों घरों में नगर निगम के कनेक्शन हैं। हजारों की आबादी पानी की समस्या से जूझ रही है। मोहल्ले में लगे कई सरकारी हैंडपंप भी काफी समय से खराब पड़े। शिकायत करने के बाद भी अफसर सुन नहीं रहे हैं। सिर्फ बहाने बनाए जा रहे हैं।
सूफी टोला
सूफी टोला के करीब 250 घरों में भी काफी दिनों से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। तीन दिन पहले इलाके की महिलाओं ने नगर निगम में प्रदर्शन किया तो अपर नगर आयुक्त ने जेई को भेजने का आश्वासन दिया लेकिन अब तक जेई समस्या की वजह देखने के लिए नहीं पहुंचा है। शनिवार को पहुंचीं महिलाओं ने इस पर काफी गुस्सा जताया।
पंप ऑपरेटर पर महिलाओं से अभद्रता का आरोप
जलकल विभाग के अधिशासी अभियंता से मिलने पहुंची सूफी टोला और कटीकुइयां की महिलाओं ने शिकायत की शमशाद नाम का एक व्यक्ति खुद को जलकल विभाग का सुपरवाइजर बताता है, उससे फोन पर पानी न आने की शिकायत की तो वह अभद्रता से बात करने लगा। गुस्साई महिलाओं ने कहा कि अफसर यह समझने को तैयार नहीं हैं कि पानी की किल्लत से उन्हें कितनी परेशानी हो रही है।
आखिरकार... अफसरों ने मांगा समय
प्रचंड गर्मी में महिलाओं ने आश्वासन की खुराक और बर्दाश्त करने से साफ इन्कार कर दिया। धरने और प्रदर्शन के दौरान अधिशासी अभियंता सिद्धार्थ कुमार ने कई बार समस्या के समाधान का आश्वासन देकर महिलाओं को टालने की कोशिश की लेकिन उन्होंने उनकी एक नहीं सुनी। आखिरकार उन्होंने खुद ही कह दिया कि समस्या हाथ के हाथ हल नहीं हो सकती है। उन्होंने महिलाओं को मनाते हुए कुछ समय देने का आग्रह किया। गुस्साई महिलाएं जल्द पानी की आपूर्ति शुरू न होने पर फिर आने की चेतावनी देकर लौट गईं।
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