स्वावलंबन की राह : तीन सगी बहनों ने सिस्टरर्स किचन से उठाया परिवार के खर्च का बीड़ा
झूंसी की अनवर मार्केट के इशरत काम्पेलक्स में जौनपुर की तीन सगी बहनों ने खोला है सिस्टरर्स किचन
झूंसी, प्रयागराज, अमृत विचार। जौनपुर-बादशाहपुर के एक छोटे से गांव टिकरा से तकरीबन छह माह पहले झूंसी आकर तीन सगी बहनें अपने पैरों पर खड़ी होने की जद्दोजहद कर रही हैं। अपने मुश्किल भरे इस सफर में ये तीनों बहनें काफी हद तक सफल होती भी दिखाई दे रही हैं। तीनों सगी बहनें उन लोगों के लिए एक मिसाल बनी हुई हैं जो केवल सरकारी नौकरी या फिर सरकार से मिलने वाली सहायता के आसरे पर टिके रहते हैं।
तीनों बहनों ने झूंसी के अनवर मार्केट के इशरत काम्पेलक्स में सिस्टरर्स किचन के नाम चाय की स्टॉल खोल रखी है। चाय के साथ-साथ तीनों बहनें फास्ट फूड भी बनाती हैं। इनकी चाय के दीवाने केवल मार्केट के दुकानदार ही नहीं आसपास के लोग भी हैं। तीनों बहनों की सिस्टर किचन शॉप पर सुबह से लेकर देर शाम तक ग्राहकों का आना-जाना लगा रहता है। अब ये परिवार के खर्च में भी अपना हाथ बंटा रही हैं।
मूलत: जौनपुर-बादशाहपुर के छोटे से गांव टिकरा के रहने वाले एनएल मिश्र प्राईवेट नौकरी करते हैं। पर उनकी नौकरी से इतने पैसे नहीं मिलते हैं कि परिवार का खर्च ठीक से चला सकें। एलएन मिश्र जौनपुर से आकर झूंसी की आवास विकास कालोनी योजना दो में किराए के मकान में रहते हैं। इनकी पत्नी सुधा के साथ ही तीन बेटियां तनु (22), स्वाति (18) और श्रेया (16) हैं। तनु एलएलबी प्रथम वर्ष, स्वाति बीएएसी और श्रेया इंटरमीडिएट की छात्रा है। परिवार की माली हालत को देखते हुए तीनों बहनों ने व्यापार करने का मन बनाया लेकिन पैसों की कमी के कारण वे सोच नहीं पा रही थीं कि आखिर कौन सा व्यापार किया जाए।
तभी बड़ी बहन तनु के दिमाग में आया कि क्यों ने चाय की स्टॉल लगाई जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित तनु ने झूंसी के अनवर मार्केट के इशरत काम्पेलक्स में तकरीबन छह माह पहले सिस्टरर्स किचन के नाम से चाय की स्टॉल शुरू की। कुछ दिनों में धंधा चल निकला तो तीनों बहनों ने इसे और आगे बढ़ाने की सोची। अब सिस्टरर्स किचन में चाय के साथ ही फास्ट फूड में कोल्ड काफी, सैंडवीच, बर्गर, मैगी, चाऊमीन, पाश्ता और पिज्जा भी मिलता है। इसे बनाने के लिए तनु, स्वाति और श्रेया ने कोई शेफ नहीं रखा हुआ है।
तीनों बहने खुद ही चाय के साथ सभी फास्ट फूड तैयार करती है। इन दिनों सिस्टर किचन की चर्चा पूरे झूंसी में है। तीनों बहनों की सिस्टर किचन में सुबह से लेकर देर शाम तक ग्राहकों का आना-जाना लगा रहता है। बड़ी बहन तनु कहती हैं कि अगर इंसान में कुछ कर गुजरने की क्षमता हो तो, वह करे दिखाया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले अपने ऊपर पूरा विश्वास होना चाहिए।
महज 20 हजार में शुरू किया था सिस्टर किचन
तीनों बहनों ने सिस्टरर्स किचन महज 20 हजार रुपये की लागत से शुरू किया था। तनु और स्वाति ने बताया कि उनकी चाय के दीवाने मोहल्ले के साथ-साथ रिश्तेदार भी थे। तभी दिमाग में आया कि क्यों न अपनी चाय के स्वाद की चर्चा बाजार में में लाई जाए। उसी वक्त पिता से 20 हजार रुपये मांगे और अनवर मार्केट में टी स्टॉल खोल ली। बेहद ही कम दिनों में इनके मिट्टी के कुल्हड़ की चाय के दीवानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
व्यापार के साथ-साथ तीनों बहने पढ़ाई भी कर रहीं पूरी
सिस्टरर्स किचन संभालने के साथ ही तीनों बहने पढ़ाई भी कर रही हैं। दोनों बहने उच्च शिक्षा तो छोटी बहन अभी इंटरमीडिएट में है। तनु मिश्र एलएलबी प्रथम वर्ष की छात्रा है। स्वाति बीएससी तो श्रेया इंटरमीडिएट की छात्रा है। पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए तीनों बहनों ने दुकान आने का समय बांट रखा है। तनु सुबह नौ बजे दुकान खोलती है और दोपहर एक बजे तक रहती है। इसके बाद अन्य दोनों बहने शाम तक रहती है। रात को दुकान बंद होने से पहले तनु दोबारा अपनी मां के साथ आ जाती हैं।
