बरेली: सरकारी कागजों में ही लहलहाकर रह गईं पोषण वाटिकाएं, अब पूरे जिले में कहीं नामोनिशान नहीं...जानिए मामला
DEMO IMAGE
अनुपम सिंह, बरेली: चुनावी फिजा में गूंजते रहे नारे ''नारी वंदे'' की असलियत जिले की उन उजड़ी और बर्बाद पोषण वाटिकाओं में तलाशी जा सकती है जिन्हें अच्छा-खासी सरकारी पैसा फूंककर कुपोषित महिलाओं और बच्चों का जीवन बदलने के नाम पर स्थापित किया गया और सारा पोषण खुद सिस्टम ने चूस लिया। कुछ साल पहले कागजों पर जिले में हजारों पोषण वाटिकाओं ने अचानक लहलहाना शुरू किया और अब कहीं उनका नामोनिशान तक नहीं है।
जिले में फिलहाल 11468 कुपोषित और 1815 अति कुपोषित बच्चे हैं। भारी संख्या उन महिलाओं की भी है जो खून की कमी से जूझ रही हैं। इन्हीं महिलाओं और बच्चों के लिए वर्ष 2018-19 में आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिकाएं स्थापित करने की योजना लागू की गई थी।
शासन से जो आदेश जारी हुआ, उसमें कहा गया था कि कुपोषण दूर करने के लिए सभी आंगनबाड़ी केंद्र परिसर या उनके नजदीक पोषण वाटिकाएं स्थापित की जाएं। इन पोषण वाटिकाओं में बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग, आयुष एवं स्वास्थ्य, उद्यान, वन और कृषि विभाग के सहयोग से कुपोषित बच्चों और महिलाओं के लिए फल, औषधीय पौधों के साथ साग-सब्जियां उगाई जानी थीं।
देखते-देखते कागजों पर पोषण वाटिकाएं लहलहानी शुरू हुईं और फिर अचानक गायब हो गईं। अब कोई ऐसा सरकारी रिकॉर्ड नहीं है जिससे साफ हो कि कहां पोषण वाटिका है और कहां नहीं। इन वाटिकाओं से कुपोषित महिलाओं और बच्चों को फल, आयुर्वेदिक औषधियों और साग-सब्जियों की कितनी आपूर्ति की गई।
जहां पोषण वाटिका होना बताया गया था, वहां घास और झाड़ियों के सिवा कुछ नहीं है। अमृत विचार की टीम मझगवां ब्लॉक के बेलई भगवंतपुर आंगनबाड़ी केंद्र पहुंची तो लोगों ने बताया कि कुछ दिन के लिए ही पोषण वाटिका दिखाई दी थी, अब कुछ नहीं है। कांधरपुर आंगनबाड़ी केंद्र पर न पोषण वाटिका का बोर्ड लगा था। न कोई पौधा लगा दिखा।
2342 पोषण वाटिकाएं... लक्ष्य पूरे हो गए, अंजाम का पता नहीं
जिले में कुल 2857 आंगनबाड़ी केंद्र हैं जिनमें 2342 केंद्रों पर पोषण वाटिका स्थापित करने का लक्ष्य था। विभाग के मुताबिक भोजीपुरा, बिथरी, और शेरगढ़ में 156-156, बहेड़ी में 157, भुता, दमखोदा, भदपुरा, फतेहगंज पश्चिमी, मीरगंज, नवाबगंज, क्यारा, रामनगर और फरीदपुर में 156-156 पोषण वाटिका स्थापित करने का लक्ष्य था। आलमपुर जाफराबाद में 157 और मझगवां में 156 वाटिका स्थापित होनी थीं। फिलहाल कहां कितनी पोषण वाटिका हैं, इसका भी कोई लेखाजोखा बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में नहीं है।
तीन साल से कोई सूचना ही अपडेट नहीं
शासन को 2021 में 400 पोषण वाटिकाएं स्थापिता करने की सूचना उपलब्ध कराई गई थी। बताया गया था कि इनमें 785 फलदार पौधे, 1200 से ज्यादा औषधीय पौधे और 1600 से ज्यादा हरी सब्जियों के पौधे हैं। मौजूदा स्थिति क्या है, यह कोई बताने की स्थिति में नहीं है। विभाग के बाबुओं का कहना है कि 2021 के बाद सूचना अपडेट ही नहीं की गई है।
इस बीच एक नवंबर 2021 को महानिदेशक राज्य पोषण मिशन ने सभी जिला कार्यक्रम अधिकारी को आदेश जारी किया था कि जिला पोषण समिति के एजेंडे में अधिक से अधिक पोषण वाटिकाएं बनाने का बिंदु शामिल किया जाए और भारत सरकार के पोषण ट्रैकर माेबाइल एप पर इसकी सूचना दर्ज कराई जाए। इस आदेश का भी पालन नहीं हुआ।
सभी सीडीपीओ को पत्र जारी कर पोषण वाटिकाओं के बारे में जानकारी मांगी गई है। मौके की स्थिति के बारे में भी पूछा गया है। जहां पोषण वाटिकाएं सूख गईं हैं, वहां फिर पौधे लगाए जाएंगे- मनोज कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी
यह भी पढ़ें- बरेली: BDA का चला बुलडोजर, 21 हजार वर्ग मीटर में बन रहीं तीन अवैध कालोनियां ध्वस्त
